प्रयागराज: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल (UP Bar Council) को वकीलों के विरोध के बाद अपना फैसला वापस लेना पड़ा है. रविवार को यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष की तरफ एक बार फिर से दो दिनों की हड़ताल का एलान कर दिया है. इससे पहले शनिवार को बार काउंसिल की तरफ से सोमवार से न्यायिक कार्य करने का एलान किया गया था. यूपी बार काउंसिल के शनिवार के फैसले के बाद प्रदेश भर के जिलों से अधिवक्ता संघ ने विरोध में आवाज उठानी शुरू कर दी.
यूपी बार काउंसिल (Bar Council of Uttar Pradesh) की एक आपात बैठक रविवार को ऑनलाइन आयोजित की गयी. इसके बाद देर रात को एलान कर दिया गया कि सोमवार और मंगलवार को प्रदेश भर में अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे और उसके बाद बैठक कर आगे का फैसला लिया जाएगा. आपको बता दें कि 29 अगस्त को हापुड़ में अधिवक्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज किया गया था.
इस घटना के विरोध में प्रदेश भर में अधिवक्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ की तरफ से देर रात हुई ऑनलाइन बैठक के बाद प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सूचना दी गयी है कि 11 से 12 सितम्बर तक अधिवक्ता कार्य बहिष्कार करके विरोध प्रदर्शन करेंगे. उनका कहना है कि शासन प्रशासन द्वारा बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश व अधिवक्ताओं की मांग पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
इस पर आगे की रणनीति बनाये जाने के लिए बार काउंसिल के सदस्यों की बैठक रविवार रात को की गई है. इसमें सभी की सहमति से फैसला लिया गया है कि 11 व 12 सितम्बर को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. दो दिनों की हड़ताल के दौरान अगर सरकार द्वारा बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की मांग नहीं मानी जाती है, तो 12 सितम्बर की रात 8 बजे बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की बैठक कर आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा.
इसके पहले शनिवार को बार काउंसिल की तरफ से ही एलान किया गया था कि सोमवार से अधिवक्ता कार्य बहिष्कार वापस लेंगे और विरोध दर्ज करवाते हुए कामकाज करेंगे. अधिवक्ताओं के विरोध के चलते बार काउंसिल को 24 घंटे में ही अपना फैसला वापस लेना पड़ा. अब 11 और 12 सितंबर को यूपी में वकील कार्य बहिष्कार करेंगे (UP Lawyers strike on 11th and 12th September).