प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना तूल पकड़ती जा रही है. किसान संगठन के लोगों ने मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रयागराज आईं सीपीआईएम पोलितब्यूरो की मेंबर सुभाषिनी अली ने कहा है कि यह घटना योगी-मोदी सोच की नीतियों के कारण हुई है.
प्रयागराज एक कार्यक्रम में पहुंची पोलितब्यूरो की मेंबर सीपीआईएम के नेता और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के ऐसे बयान आते जिसमें ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं कि किसानों को मारो, उनसे हिंसा करो. उनका कहना था कि तुम लोग अगर जेल जाओगे, तभी बड़े नेता बनोगे. जब एक मुख्यमंत्री ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकता है. साथ ही लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय मंत्री संजय मिश्रा ने कई बार किसानों को ललकारा और कहां यह दस बीस का संगठन है इसको हम कभी भी खत्म कर सकते हैं.
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सीपीआईएम पोलितब्यूरो की मेंबर सुभाषिनी अली ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की नियत इस किसान आंदोलन को बिल्कुल खत्म कर देने की है. सीपीआईएम पार्टी इसका पूर्ण रूप से विरोध कर रही है और करेगी. उनका कहना था कि किसान संयुक्त मोर्चा की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा इस पूरे मामले की जांच कराई जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार अब कितने लोगों की जान ले लेगी. 600 लोग पहले ही मर चुके हैं, 4 लोग कल मर गए. अब हम लोग सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं.
आपको बता दें, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में जुलूस निकालकर लखीमपुर खीरी की घटना की निंदा की गई. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तत्काल पद से हटाने की भी मांग की है. किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने घटना की सुप्रीम कोर्ट के जज से न्यायिक जांच करवाए जाने की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि सीपीआईएम का एक प्रतिनिधिमंडल किसानों के बीच लखीमपुर खीरी पहुंच चुका है. इस दौरान सीताराम येचुरी और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली के नेतृत्व में जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे निहत्थे किसानों के साथ इस तरह की घटना करना बेहद निंदनीय है. जो भी लोग इस घटना के दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. सीताराम येचुरी ने घटना की निंदा करते हुए उसकी न्यायिक जांच करवाने की मांग उठायी है. उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच तभी होगी जब सुप्रीम कोर्ट के जज से पूरे मामले जी जांच कराई जाएगी.