ETV Bharat / state

प्रयागराज : कोटेश्वर महादेव की अद्भुद महिमा, दर्शन से एक करोड़ शिवलिंग की पूजा का मिलता है पुण्य

author img

By

Published : Jul 27, 2021, 7:42 AM IST

Updated : Jul 27, 2021, 8:34 AM IST

प्रयागराज के संगम तट पर स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग के दर्शन पूजन से एक करोड़ शिवलिंग की पूजन का फल मिलता है. मान्यता है कि इसकी स्थापना मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने की थी. वैसे तो इस मंदिर में हमेशा ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन शिवरात्रि और सावन में यहां भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिलती है.

एक करोड़ शिवलिंग पूजन का मिलता है पुण्य
एक करोड़ शिवलिंग पूजन का मिलता है पुण्य

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयाग में कई पौराणिक और ऐतिहासिक देवस्थान हैं, जिनकी अपनी मान्यता और धार्मिक महत्व है. इन्हीं में से एक है प्रयागराज (Prayagraj) के शिवकुटी (Shivkuti) इलाके में स्थापित कोटेश्वर महादेव मंदिर (Koteshwar Mahadev Temple). मान्यता है कि कोटेश्वर महादेव मंदिर में जो शिवलिंह स्थापित है उसकी स्थापना स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने त्रेता युग में की थी. कहा जाता है कि श्री राम ने गंगा किनारे इस शिवलिंग की स्थापना उस वक्त की थी जब वो लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौट रहे थे. मान्यता है कि इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने से एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है. इसी वजह से इस शिवलिंग को कोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. शिवरात्रि और सावन के महीने के अलावा आम दिनों में भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.


पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण के वध के बाद लंका पर विजय हासिल करके अयोध्या लौटते समय भगवान राम प्रयागराज में भारद्वाज मुनि के आश्रम में उनका आशीर्वाद लेने गए, लेकिन भारद्वाज मुनि ने श्री राम को पैर छूने से रोकते हुए आशीर्वाद देने से मना कर दिया. जब प्रभु राम ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि आपने रावण का वध किया है, इसलिए आपके ऊपर ब्रह्म हत्या का पाप लगा हुआ है. जब तक इस पाप से आपको मुक्ति नहीं मिलती तब तक आपको आशीष नहीं दे सकते.

स्पेशल रिपोर्ट
ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति का उपाय पूछने पर भारद्वाज मुनि ने बताया कि एक करोड़ शिवलिंग स्थापित कर उसकी पूजा करें. ऐसा करने से ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल सकती है. भगवान राम ने कहा कि एक करोड़ शिवलिंग बनाकर स्थापित करने के बाद अगर उसकी पूजा अर्चना नियमित नहीं हुई तो उसका दोष तो स्थापित करने वाले को मिलेगा. जिस पर भारद्वाज मुनि ने कहा कि गंगा की रेती के एक करोड़ कण से एक शिवलिंग बनाकर स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना करें. जिसके बाद भगवान राम ने ऐसा ही किया और तभी से इस मंदिर में भगवान राम द्वारा स्थापित किये गए शिवलिंग की पूजा की जाती है.
etv bharat
एक करोड़ शिवलिंग पूजन का मिलता है पुण्य
मंदिर के पुजारी का कहना है कि त्रेता युग में भगवान राम ने सावन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन इस शिवलिंग की स्थापना की थी. तभी से इस इस मंदिर में सावन के महीने में भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. उनका कहना है कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को एक करोड़ शिवलिंग की पूजा करने के बराबर पुण्य मिलता है. यही वजह है कि इस मंदिर का नाम कोटेश्वर महादेव मंदिर रखा गया जहां एक शिवलिंग की पूजा करके भक्त एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर लाभ अर्जित कर सकते हैं.



इसे भी पढ़ें- sawan 2021: भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो जरूर चढ़ाएं बेलपत्र, इन बातों का रखें ध्यान



इसे भी पढ़ें-यहां महादेव के पिता का है वास

सदियों पुराने इस शिवलिंग को ज्यादातर लोगों के द्वारा छूने की वजह से उसके क्षतिग्रस्त होने की शंका बढ़ने लगी जिसके बाद शिवलिंग को सुरक्षित रखने की दृष्टि से मंदिर प्रशासन की तरफ से सालों पहले इस शिवलिंग को तांबे के कवर से ढक दिया गया है. तब से भक्त तांबे के कवच के बाहर से ही शिवलिंग को स्पर्श करके जलाभिषेक करते हुए उसकी पूजा अर्चना करते हैं.

इस मंदिर में कोटेश्वर महादेव के ठीक सामने माता पार्वती की एक मूर्ति भी स्थापित है. शिवलिंग की पूजा के साथ ही भक्त माता पार्वती की भी उपासना करते हैं. शिवलिंग के सामने माता की मूर्ति स्थापित होने की वजह से यहां पर बहुत से नवदम्पति शादी के बाद सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करने का आशीर्वाद लेने आते हैं. नयी नवेली दुल्हनें अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता पार्वती से आशीर्वाद मांगती हैं.

शिवलिंग पूजा से होती है मनोकामनाएं पूरी

त्रेता युग मे भगवान राम के हाथ से स्थापित किये गए इस शिवलिंग का सच्चे मन से दर्शन और पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उनके जीवन और घर में सुख शांति का वास होता है. एक शिवलिंग की पूजा करके भक्तों को एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है जिस वजह से आज भी शिवभक्त यहां पर भोले नाथ की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं.

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयाग में कई पौराणिक और ऐतिहासिक देवस्थान हैं, जिनकी अपनी मान्यता और धार्मिक महत्व है. इन्हीं में से एक है प्रयागराज (Prayagraj) के शिवकुटी (Shivkuti) इलाके में स्थापित कोटेश्वर महादेव मंदिर (Koteshwar Mahadev Temple). मान्यता है कि कोटेश्वर महादेव मंदिर में जो शिवलिंह स्थापित है उसकी स्थापना स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने त्रेता युग में की थी. कहा जाता है कि श्री राम ने गंगा किनारे इस शिवलिंग की स्थापना उस वक्त की थी जब वो लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौट रहे थे. मान्यता है कि इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने से एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है. इसी वजह से इस शिवलिंग को कोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. शिवरात्रि और सावन के महीने के अलावा आम दिनों में भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.


पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण के वध के बाद लंका पर विजय हासिल करके अयोध्या लौटते समय भगवान राम प्रयागराज में भारद्वाज मुनि के आश्रम में उनका आशीर्वाद लेने गए, लेकिन भारद्वाज मुनि ने श्री राम को पैर छूने से रोकते हुए आशीर्वाद देने से मना कर दिया. जब प्रभु राम ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि आपने रावण का वध किया है, इसलिए आपके ऊपर ब्रह्म हत्या का पाप लगा हुआ है. जब तक इस पाप से आपको मुक्ति नहीं मिलती तब तक आपको आशीष नहीं दे सकते.

स्पेशल रिपोर्ट
ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति का उपाय पूछने पर भारद्वाज मुनि ने बताया कि एक करोड़ शिवलिंग स्थापित कर उसकी पूजा करें. ऐसा करने से ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल सकती है. भगवान राम ने कहा कि एक करोड़ शिवलिंग बनाकर स्थापित करने के बाद अगर उसकी पूजा अर्चना नियमित नहीं हुई तो उसका दोष तो स्थापित करने वाले को मिलेगा. जिस पर भारद्वाज मुनि ने कहा कि गंगा की रेती के एक करोड़ कण से एक शिवलिंग बनाकर स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना करें. जिसके बाद भगवान राम ने ऐसा ही किया और तभी से इस मंदिर में भगवान राम द्वारा स्थापित किये गए शिवलिंग की पूजा की जाती है.
etv bharat
एक करोड़ शिवलिंग पूजन का मिलता है पुण्य
मंदिर के पुजारी का कहना है कि त्रेता युग में भगवान राम ने सावन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन इस शिवलिंग की स्थापना की थी. तभी से इस इस मंदिर में सावन के महीने में भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. उनका कहना है कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को एक करोड़ शिवलिंग की पूजा करने के बराबर पुण्य मिलता है. यही वजह है कि इस मंदिर का नाम कोटेश्वर महादेव मंदिर रखा गया जहां एक शिवलिंग की पूजा करके भक्त एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर लाभ अर्जित कर सकते हैं.



इसे भी पढ़ें- sawan 2021: भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो जरूर चढ़ाएं बेलपत्र, इन बातों का रखें ध्यान



इसे भी पढ़ें-यहां महादेव के पिता का है वास

सदियों पुराने इस शिवलिंग को ज्यादातर लोगों के द्वारा छूने की वजह से उसके क्षतिग्रस्त होने की शंका बढ़ने लगी जिसके बाद शिवलिंग को सुरक्षित रखने की दृष्टि से मंदिर प्रशासन की तरफ से सालों पहले इस शिवलिंग को तांबे के कवर से ढक दिया गया है. तब से भक्त तांबे के कवच के बाहर से ही शिवलिंग को स्पर्श करके जलाभिषेक करते हुए उसकी पूजा अर्चना करते हैं.

इस मंदिर में कोटेश्वर महादेव के ठीक सामने माता पार्वती की एक मूर्ति भी स्थापित है. शिवलिंग की पूजा के साथ ही भक्त माता पार्वती की भी उपासना करते हैं. शिवलिंग के सामने माता की मूर्ति स्थापित होने की वजह से यहां पर बहुत से नवदम्पति शादी के बाद सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करने का आशीर्वाद लेने आते हैं. नयी नवेली दुल्हनें अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता पार्वती से आशीर्वाद मांगती हैं.

शिवलिंग पूजा से होती है मनोकामनाएं पूरी

त्रेता युग मे भगवान राम के हाथ से स्थापित किये गए इस शिवलिंग का सच्चे मन से दर्शन और पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उनके जीवन और घर में सुख शांति का वास होता है. एक शिवलिंग की पूजा करके भक्तों को एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है जिस वजह से आज भी शिवभक्त यहां पर भोले नाथ की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं.

Last Updated : Jul 27, 2021, 8:34 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.