प्रयागराज: अरैल में चल रही मोरारी बापू की रामकथा में रविवार की शाम कवियों के नाम रही. कवियों ने जब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के साथ समाज की विभिन्न समस्याओं पर कविताएं पढ़ी तो पंडाल में मौजूद श्रोता लोटपोट हो गए. कवि सम्मेलन के खास आकर्षण रहे कुमार विश्वास ने दिल्ली में हुई हिंसा से लेकर देश के विकास पर आधारित अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं की खूब ताली बटोरी.
पंडाल में मौजूद रामकथा वाचक मोरारी बापू की मौजूदगी में कवि सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ. 10 हजार से अधिक भीड़ वाले पंडाल में कवि सम्मेलन के दौरान कुमार विश्वास ने कविताओं में सीएए पर प्रदर्शनों और दिल्ली में हुई हिंसा को आधार बनाते हुए कविता पढ़ी.
उन्होंने अपनी कविताओं में गंगा पर लोगों का ध्यान खींचा और यह बताने का प्रयास किया कि, गंगा का किनारा जिंदगी के आखिरी पल का सहारा है. साथ ही कविता में देश-प्रेम, भाईचारा, बुढ़ापा और अन्य कई मुद्दों पर उन्होंने कविताएं पढ़ीं.
उत्तराखंड से पधारी गौरी मिश्रा ने कवि सम्मेलन में श्रृंगार रस की कविताओं से श्रोताओं को सराबोर कर दिया. उनके द्वारा की गई कविता 'न मैं डर से निकलती हूं, न मैं भय से निकलती हूं, जो है संगीत की लहरों में, उसी लय से निकलती हूं' पर मौजूद श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई.
कवि सम्मेलन में पहुंचे हास्य कवि किरण जोशी ने भारतीय संस्कृति समभाव पर अपनी कविताएं पढ़ी. इसके अलावा वर्तमान में टीवी चैनलों पर चल रहे धारावाहिकों पर उन्होंने हास्य कविताओं को पढ़ा. कवि सम्मेलन का संचालन बुद्धि प्रकाश दाधीच ने किया.
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रयागराज में बने तीन विश्व रिकॉर्ड