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गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीपक दुबे को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर की जमानत - बिकरू कांड मास्टरमाइंड विकास दुबे

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर बिकरू कांड के मास्टरमाइंड मारे गए विकास दुबे के भाई दीपक दुबे को राहत दी है. हाईकोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर कर ली है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 30, 2022, 6:47 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर बिकरू कांड के मास्टरमाइंड मारे गए विकास दुबे के भाई दीपक दुबे की जमानत मंजूर कर ली है. आरोप है कि अपराध करने के लिए दूसरे के नाम के सिम कार्ड का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया. याची का कहना था कि उसे विकास दुबे का भाई होने के कारण झूठा फंसाया गया है. पुलिस ने चार मामलों में फंसाया है. जबकि, वह 16 साल का है.

उसने किसी भी अपराध के लिए अपने मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल नहीं किया और न ही कथित मोबाइल फोन के असली मालिक दया शंकर अग्निहोत्री द्वारा उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई गई हैं. अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है. वह जनवरी 2021 से जेल में बंद है और मुकदमे के शीघ्र निस्तारण की कोई संभावना नहीं है.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद पथराव के आरोपी पार्षद को हाईकोर्ट से राहत

सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मोबाइल नंबर विकास दुबे के नौकर का है और विकास दुबे को भागने में सहायता करने के लिए आवेदक द्वारा इसका दुरुपयोग किया गया. दया शंकर अग्निहोत्री के बयान के आधार पर विशेष जांच दल की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है. चूंकि दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के नियम ग्राहक परिवर्तन की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए आवेदक जमानत पर छोड़े जाने का हकदार नहीं है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर बिकरू कांड के मास्टरमाइंड मारे गए विकास दुबे के भाई दीपक दुबे की जमानत मंजूर कर ली है. आरोप है कि अपराध करने के लिए दूसरे के नाम के सिम कार्ड का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया. याची का कहना था कि उसे विकास दुबे का भाई होने के कारण झूठा फंसाया गया है. पुलिस ने चार मामलों में फंसाया है. जबकि, वह 16 साल का है.

उसने किसी भी अपराध के लिए अपने मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल नहीं किया और न ही कथित मोबाइल फोन के असली मालिक दया शंकर अग्निहोत्री द्वारा उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई गई हैं. अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है. वह जनवरी 2021 से जेल में बंद है और मुकदमे के शीघ्र निस्तारण की कोई संभावना नहीं है.

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सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मोबाइल नंबर विकास दुबे के नौकर का है और विकास दुबे को भागने में सहायता करने के लिए आवेदक द्वारा इसका दुरुपयोग किया गया. दया शंकर अग्निहोत्री के बयान के आधार पर विशेष जांच दल की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है. चूंकि दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के नियम ग्राहक परिवर्तन की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए आवेदक जमानत पर छोड़े जाने का हकदार नहीं है.

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