प्रयागराज: जिले में किसानों ने अपने खेत में गेहूं की फसल की बुवाई तो कर दी है. लेकिन अब किसानों को इस फसल की सिंचाई के लिए जितने पानी की जरूरत है, वह पूरी नहीं हो पा रही है. कुछ इलाकों में किसान बर्तन से खेत मे सिंचाई करने को मजबूर हैं.
सोरांव विधानसभा के भोपतपुर इलाके में जो नहर है सिंचाई के समय वो भी पूरी तरह से सूखी हुई है, जबकि बिजली विभाग के अफसर ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे तक बिजली सप्लाई का दावा कर रहे हैं.
प्रयागराज के सोरांव विधानसभा में रबी की फसल के सीजन में कई इलाकों के किसान सिंचाई के लिए परेशान दिख रहे हैं. भोपतपुर कस्बे के कई गांवों में बिजली की सप्लाई चौबीस घंटे में सिर्फ कुछ घंटे ही हो रही है. इन इलाकों के किसानों का आरोप है कि बिजली बहुत कम समय आती है जब आती भी है तो लगातार ट्रिप करती है, जिससे कि ट्यूबबेल और बोरवेल से भी सिंचाई करने में दिक्कत होती है.
इन इलाकों में जिन छोटे किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं है. उन किसानों के परिवार वाले किसी तरह से खेत में पानी भर लेते हैं, जिसके बाद परिवार की महिलाएं भी इस पानी से पूरे खेत को सींचने से पीछे नहीं रहती हैं. महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर खेत में सिंचाई करने में जुटी रहती हैं. इन किसानों की मांग है कि सरकार ग्रामीण इलाकों में फसलों की सिंचाई के समय कम से कम 18 घंटे बिजली सप्लाई दे, जिससे कि किसान खेतों की सिंचाई कर फसलों को उगा सकें.
इलाके की नहर भी है पानी को प्यासी
सोरांव के भोपतपुर इलाके में जो नहर है उसे नहर ददौली के नाम से जाना जाता है.लेकिन खेतों की सिंचाई के काम आने वाली ये नहर आज खुद बूंद बूंद पानी के लिए प्यासी दिख रही है. ग्रामीणों के मुताबिक इस नहर में पिछ्ले साल पानी आया था उसके बाद से ये नहर सूखी हुई है. इस बीच प्रशासन ने नहर की साफ सफाई करवाने में तो लाखों रुपये खर्च कर दिए .लेकिन साफ सफाई के बाद भी नहर में पानी नहीं आया, जिससे खेतों को सींचने वाली ये नहर अब ख़ुद पानी का इंतज़ार कर रही है.
बिजली विभाग के अफसरों का दावा बिल्कुल अलग
वहीं खेतों में सिंचाई के लिए कितने घंटे बिजली की सप्लाई दी जा रही है, इस सवाल के जवाब में प्रयागराज के चीफ इंजीनियर ओपी यादव ने स्पष्ट रूप से बताया कि ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली की आपूर्ति दी जा रही है. सरकार की तरफ से ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली सप्लाई के निर्देश हैं. इसलिए ग्रामीण इलाकों में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक लगातार बिजली सप्लाई दी जाती है. बाकी बचे छः घंटे की सप्लाई दिन में अलग अलग समय पर की जाती है. इसी वजह से ग्रामीण बिजली कटौती की बात करते है.
इस तरह से बिजली विभाग ग्रामीण इलाकों में रात को बारह घंटे और दिन में छः घंटे बिजली देकर 18 घंटे बिजली सप्लाई किए जाने का दावा कर रहा है. अब ग्रामीणों की सिंचाई की समस्या के बारे में जानने के बाद प्रयागराज के चीफ इंजीनियर ओपी यादव ने शासन को इस समस्या की जानकारी देने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर बात कर ग्रामीण इलाकों में दिन में ज्यादा बिजली आपूर्ति देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे कि किसानों की सिंचाई की समस्या का समाधान हो सके.
ग्रामीण इलाकों में किसानों ने अपने खेतों में गेहूं के फसल की बुवाई तो कर दी है. लेकिन बहुत से छोटे किसानों के सामने इस समय उस फसल को पर्याप्त पानी देने की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में छोटे किसान सरकार से दिन में ज्यादा बिजली सप्लाई किए जाने की मांग कर रहे हैं.
किसानों का कहना है कि दिन में भरपूर बिजली मिले तो वो अपने खेतों को ट्यूबबेल या बोरवेल की मदद से सींच सकते है. लेकिन दिन में बिजली की आंख मिचौली की वजह से दूर के खेतों तक पानी पहुंचने से पहले ही बिजली कट जाती है,जिससे किसानों के सामने सिंचाई की समस्या पैदा हो गई है.