प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड में जांच कर रही एसटीएफ को शेर ए अतीक व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी मिली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसमें अतीक अहमद का बेटा असद ग्रुप एडमिन था. बताया जा रहा है कि इस ग्रुप में असद के साथ ही 50 से अधिक दूसरे मैंबर थे. इस ग्रुप से असद 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद लेफ्ट हो गया था. इसके बाद ज्यादातर मेम्बर इस ग्रुप से लेफ्ट हो गए थे. जब एसटीएफ को इसके बारे में जानकारी मिली तो एसटीएफ की टीम ने ग्रुप से जुड़े तीन लड़को को हिरासत में लेकर पूछताछ की लेकिन एसटीएफ को कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी. ग्रुप से जुड़े ज्यादातर मेम्बर ने चैट हिस्ट्री डिलीट कर दी थी. हालांकि एसटीएफ ग्रुप में जुड़े मेम्बर्स के मोबाइल से डिलीट की गयी हिस्ट्री की रिकवरी करने में जुटी है
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड में असद का नाम सामने आने के बाद से पुलिस उसके साथियों की भी तलाश करने में जुट गई थी. इसके तहत पुलिस ने असद के कई क्लासमेट्स से भी पूछताछ की है. इस दौरान पता चला कि शेर-ए-अतीक नाम का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था. वारदात के दिन इस ग्रुप से एडमिन असद के लेफ्ट होने के बाद ज्यादातर मेंबर्स ने ग्रुप छोड़ दिया था.
उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक व्हाट्सएप ग्रुप है जिसमें असद एडमिन था. शेर-ए-अतीक नाम के इस ग्रुप में अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा असद एडमिन था और वो लगातार उसमें फोटो और वीडियो अपडेट करता था. इसके बाद एसटीएफ ने उस ग्रुप में जुड़े एक सदस्य से जानकारी मिलने के बाद कई ग्रुप मेंबर्स से पूछताछ की, जिसमें असद के कुछ नाबालिग दोस्त भी शामिल थे. इनसे उनके परिवार वालों की मौजूदगी में एसटीएफ की टीम ने बातचीत कर जानकारी हासिल की.
सूत्रों की माने तो शेर-ए-अतीक ग्रुप की जानकारी मिलने के बाद एसटीएफ उसकी पड़ताल में जुट गई.एसटीएफ की टीम ने ग्रुप से जुड़े कुछ मेंबर्स की जानकारी हासिल की. इसके बाद एसटीएफ ने शेर-ए-अतीक ग्रुप में शामिल तीन मेंबर्स को पकड़ा और उनसे पूछताछ की.
पूछताछ में पुलिस वालों को पता चला कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद शेर-ए-अतीक ग्रुप के एडमिन असद ने जब ग्रुप छोड़ा उसके बाद ग्रुप मेंबर्स लेफ्ट हो गए. ज्यादातर ग्रुप मेंबर्स ने चैट हिस्ट्री भी डिलीट कर दी है. एसटीएफ को जिस वक्त इस ग्रुप के बारे में जानकारी मिली और एसटीएफ ग्रुप मेंबर्स तक पहुंची तब तक ग्रुप से सभी लोग लेफ्ट हो गए थे और सिर्फ तीन ही लोग जुड़े हुए थे. इसके बाद एसटीएफ ने तीनों को पकड़ा और उनसे ग्रुप से जुड़ी जानकारियां हासिल की. फिलहाल एसटीएफ को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है. ऐसे में अब एसटीएफ ग्रुप से डिलीट किए गए मैसेज को रिकवर करने के प्रयास में जुट गई है.