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प्रयागराज: गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि, अलर्ट जारी

बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश होने से गंगा-यमुना के जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है. वहीं प्रशासन ने बाढ़ के मद्देनजर सभी निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.

प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी.
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Published : Aug 13, 2019, 10:49 PM IST

प्रयागराज: पिछले हफ्ते से रुक-रुककर हो रही तेज बारिश और पड़ोसी राज्य में पानी छोड़े जाने के बाद गंगा और यमुना के जलस्तर में व्यापक वृद्धि देखने को मिली है. पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में दो से तीन फीट पानी की वृद्धि दर्ज की गई है. इसको लेकर संगम समेत अन्य प्रमुख घाटों पर लोगों ने अपना स्थान बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग भी सभी निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.

जलस्तर में तेजी से वृद्धि
बता दें कि सोमवार रात गंगा और यमुना के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में प्रयागराज के फाफामऊ में 78.300, छतनाग में 76.270 और नैनी में 76.900 सेंटी मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. सिंचाई विभाग की माने तो इन सभी स्थानों पर गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से अभी नीचे है, लेकिन गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते गंगा और यमुना के किनारे बसे गांव और निचले स्तर के इलाकों में हलचल शुरू हो गई है.

प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी.

प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी

बाढ़ के मद्देनजर संगम समेत कई घाटों पर मौजूद लोग और पंडों ने अपना डेरा बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. सभी प्रमुख घाटों पर जल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है. जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना न हो इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है.


साल 2018 में आई हुई बाढ़ में सबसे अधिकतम फाफामऊ में 83.120, छतनाग में 82.220 और नैनी में 82.950 की वृद्धि दर्ज की गई थी. प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 है जो वर्तमान में अभी छह मीटर से लगभग कम है. मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट और हो रही बारिश से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्रयागराज और उसके निचले इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल सकता है.

प्रयागराज: पिछले हफ्ते से रुक-रुककर हो रही तेज बारिश और पड़ोसी राज्य में पानी छोड़े जाने के बाद गंगा और यमुना के जलस्तर में व्यापक वृद्धि देखने को मिली है. पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में दो से तीन फीट पानी की वृद्धि दर्ज की गई है. इसको लेकर संगम समेत अन्य प्रमुख घाटों पर लोगों ने अपना स्थान बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग भी सभी निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.

जलस्तर में तेजी से वृद्धि
बता दें कि सोमवार रात गंगा और यमुना के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में प्रयागराज के फाफामऊ में 78.300, छतनाग में 76.270 और नैनी में 76.900 सेंटी मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. सिंचाई विभाग की माने तो इन सभी स्थानों पर गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से अभी नीचे है, लेकिन गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते गंगा और यमुना के किनारे बसे गांव और निचले स्तर के इलाकों में हलचल शुरू हो गई है.

प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी.

प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी

बाढ़ के मद्देनजर संगम समेत कई घाटों पर मौजूद लोग और पंडों ने अपना डेरा बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. सभी प्रमुख घाटों पर जल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है. जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना न हो इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है.


साल 2018 में आई हुई बाढ़ में सबसे अधिकतम फाफामऊ में 83.120, छतनाग में 82.220 और नैनी में 82.950 की वृद्धि दर्ज की गई थी. प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 है जो वर्तमान में अभी छह मीटर से लगभग कम है. मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट और हो रही बारिश से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्रयागराज और उसके निचले इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल सकता है.

Intro:पिछले हफ्ते भर से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश और पड़ोसी राज्य में पानी छोड़े जाने के बाद अब गंगा और यमुना के जलस्तर में व्यापक वृद्धि देखने को मिली है पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में दो से तीन फीट पानी की वृद्धि दर्ज की गई है इसको लेकर संगम सहित अन्य प्रमुख घाटों पर घाटियों ने अपना स्थान बदलना शुरू कर दिया है बाल के मद्देनजर सिंचाई विभाग भी सभी निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।


Body:बता दें कि बाढ़ के जल पर सोमवार रात गंगा और यमुना के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है यमुना के जलस्तर हर घंटे सिचाई विभाग द्वारा दर्ज की गई है। पिछले 24 घण्टे में प्रयागराज के फाफामऊ में 78.300, छतनाग में 76.270.व नैनी में 76.900 मीटर की बृद्धि दर्ज की गई है। सिंचाई विभाग की माने तो इन सभी स्थानों पर गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 8 मीटर नीचे है लेकिन गंगा यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते गंगा और यमुना के किनारे बसे गांव और निचले स्तर के इलाकों में हलचल शुरू हो गई है बाढ़ के मद्देनजर संगम सहित कई घाटों पर मौजूद घाटियों और पंडों ने अपना डेरा बदलना शुरू कर दिया है। बाल के मद्देनजर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है सभी प्रमुख घाटों पर जल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना ना होने पर साथी साथी अभी दिशा निर्देश जारी किया गया है कि लोग गहरे पानी और कीचड़ वाले स्थानों पर स्नान न करें जहां पर खतरा हो सकता है।


Conclusion:बता दें कि वर्ष 2018 में आई हुई बाढ़ में सबसे अधिकतम फाफामऊ में 83 .120 छतनाग में 82 . 220 और नैनी में 82. 950 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई थी जो खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे था प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 है जो वर्तमान में अभी छह मीटर से लगभग कम है मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट और हो रही बारिश से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्रयागराज और उसके निचले इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल जाएगा।

बाईट: राम मूरत जूनियर इंजीनियर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण
बाईट: घटिया

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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