प्रयागराज: पिछले हफ्ते से रुक-रुककर हो रही तेज बारिश और पड़ोसी राज्य में पानी छोड़े जाने के बाद गंगा और यमुना के जलस्तर में व्यापक वृद्धि देखने को मिली है. पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में दो से तीन फीट पानी की वृद्धि दर्ज की गई है. इसको लेकर संगम समेत अन्य प्रमुख घाटों पर लोगों ने अपना स्थान बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग भी सभी निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.
जलस्तर में तेजी से वृद्धि
बता दें कि सोमवार रात गंगा और यमुना के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में प्रयागराज के फाफामऊ में 78.300, छतनाग में 76.270 और नैनी में 76.900 सेंटी मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. सिंचाई विभाग की माने तो इन सभी स्थानों पर गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से अभी नीचे है, लेकिन गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते गंगा और यमुना के किनारे बसे गांव और निचले स्तर के इलाकों में हलचल शुरू हो गई है.
प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी
बाढ़ के मद्देनजर संगम समेत कई घाटों पर मौजूद लोग और पंडों ने अपना डेरा बदलना शुरू कर दिया है. बाढ़ के मद्देनजर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. सभी प्रमुख घाटों पर जल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है. जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना न हो इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
साल 2018 में आई हुई बाढ़ में सबसे अधिकतम फाफामऊ में 83.120, छतनाग में 82.220 और नैनी में 82.950 की वृद्धि दर्ज की गई थी. प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 है जो वर्तमान में अभी छह मीटर से लगभग कम है. मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट और हो रही बारिश से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्रयागराज और उसके निचले इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल सकता है.