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बारिश में सांप ने काटा है तो झाड़फूंक न कराएं, ये तरीका अपनाएं, बच जाएगी जान - प्रयागराज की ताजी खबर

अगर किसी को सांप ने काटा है तो झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें बल्कि सीधे डॉक्टर के पास ले जाएं. इससे मरीज की जान बचने की काफी संभावना बढ़ जाती है. यह सलाह मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल की.

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Published : Aug 2, 2023, 7:27 PM IST

प्रयागराजः बारिश की शुरूआत के साथ ही सांप काटने की घटनाएं शुरू हो जाती है. इसी कड़ी में प्रयागराज में भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं. हालांकि सांप काटने के मामलों में ज्यादातर लोग इलाज कराने की जगह तंत्र--मंत्र और झाड़फूंक के जरिये इलाज करवाने का प्रयास करते हैं. साथ ही कुछ लोग घाव को चूसकर जहर निकालने लगते हैं. ये दोनों ही तरीके गलत हैं. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं ताकि उसको समय रहते एंटी स्नेक वेनम लगाई जा सके और उसकी जान बचाई जा सके. वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से भी अपील की गई है कि सांप काटने पर स्वास्थ से जुड़ी सहायता के लिए 1075 नंबर पर कॉल करके मदद ली जा सकती है जबकि घर मे सांप निकलने पर 1070 नंबर पर कॉल कर मदद ली जा सकती है. यह सलाह दी है मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एसपी सिंह का.

डॉक्टर एसपी सिंह ने दी यह जानकारी.

उनका कहना है कि सांप काटने की घटनाओं में अक्सर इलाज के अभाव में लोगों की जान चली जाती है क्योंकि सांप काटने के बाद लोग इलाज करवाने की जगह पहले झाड़फूंक में लग जाते हैं. कुछ लोग उस जगह को बांध देते हैं. ऐसा कतई नही करना चाहिए. स्वास्थ विभाग के साथ ही जिला प्रशासन ने भी लोगों से सांप काटने पर डॉक्टर की मदद लेने की अपील की है.

उन्होंने बताया कि सांप काटने पर सही समय पर इलाज मिल जाता है तो मरीज की जान बच जाती है. उन्होंने बताया कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में जून-जुलाई माह के दौरान 130 सांप काटने के मामले आए थे जिनमें से 3 मरीजों की मौत हो गई जबकि 127 मरीजों की जान बचा ली गई. उन्होंने बताया कि बीते दो सालों में अस्पताल में 630 मरीज अस्पताल आए हैं जिनमें से 19 की मौत हुई है और अन्य मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए. उन्होंने बताया कि कॉलेज में 2500 से अधिक एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध हैं.

वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से इस संबंध में एक प्रेस नोट भी जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि सांप के काटने पर उसके रंग और आकार को देखने व याद रखने की कोशिश करें. साथ ही बताया गया कि सांप काटने वाले व्यक्ति का सिर ऊंचा करके लिटाएं या बैठाए रखें. घाव को तुरंत साबुन व गर्म पानी से साफ करें, जिस जगह सांप ने काटा है उसको ज्यादा हिलाएं डुलाएं न, सिर्फ स्थान को स्थिर रखने का प्रयास करें इससे जहर फैलना कम होता है. सर्पदंश वाले व्यक्ति को झपकी आने पर सोने न दें. सर्पदंश वाले भाग में रस्सी व पट्टी न बांधे. सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें. घर के आसपास कूड़ा अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्र न होने दें.


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ये भी पढ़ेंः उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, अतीक अहमद के कार्यालय से मिली कोल्ट पिस्टल से ही चलाई गईं थीं गोलियां

प्रयागराजः बारिश की शुरूआत के साथ ही सांप काटने की घटनाएं शुरू हो जाती है. इसी कड़ी में प्रयागराज में भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं. हालांकि सांप काटने के मामलों में ज्यादातर लोग इलाज कराने की जगह तंत्र--मंत्र और झाड़फूंक के जरिये इलाज करवाने का प्रयास करते हैं. साथ ही कुछ लोग घाव को चूसकर जहर निकालने लगते हैं. ये दोनों ही तरीके गलत हैं. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं ताकि उसको समय रहते एंटी स्नेक वेनम लगाई जा सके और उसकी जान बचाई जा सके. वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से भी अपील की गई है कि सांप काटने पर स्वास्थ से जुड़ी सहायता के लिए 1075 नंबर पर कॉल करके मदद ली जा सकती है जबकि घर मे सांप निकलने पर 1070 नंबर पर कॉल कर मदद ली जा सकती है. यह सलाह दी है मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एसपी सिंह का.

डॉक्टर एसपी सिंह ने दी यह जानकारी.

उनका कहना है कि सांप काटने की घटनाओं में अक्सर इलाज के अभाव में लोगों की जान चली जाती है क्योंकि सांप काटने के बाद लोग इलाज करवाने की जगह पहले झाड़फूंक में लग जाते हैं. कुछ लोग उस जगह को बांध देते हैं. ऐसा कतई नही करना चाहिए. स्वास्थ विभाग के साथ ही जिला प्रशासन ने भी लोगों से सांप काटने पर डॉक्टर की मदद लेने की अपील की है.

उन्होंने बताया कि सांप काटने पर सही समय पर इलाज मिल जाता है तो मरीज की जान बच जाती है. उन्होंने बताया कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में जून-जुलाई माह के दौरान 130 सांप काटने के मामले आए थे जिनमें से 3 मरीजों की मौत हो गई जबकि 127 मरीजों की जान बचा ली गई. उन्होंने बताया कि बीते दो सालों में अस्पताल में 630 मरीज अस्पताल आए हैं जिनमें से 19 की मौत हुई है और अन्य मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए. उन्होंने बताया कि कॉलेज में 2500 से अधिक एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध हैं.

वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से इस संबंध में एक प्रेस नोट भी जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि सांप के काटने पर उसके रंग और आकार को देखने व याद रखने की कोशिश करें. साथ ही बताया गया कि सांप काटने वाले व्यक्ति का सिर ऊंचा करके लिटाएं या बैठाए रखें. घाव को तुरंत साबुन व गर्म पानी से साफ करें, जिस जगह सांप ने काटा है उसको ज्यादा हिलाएं डुलाएं न, सिर्फ स्थान को स्थिर रखने का प्रयास करें इससे जहर फैलना कम होता है. सर्पदंश वाले व्यक्ति को झपकी आने पर सोने न दें. सर्पदंश वाले भाग में रस्सी व पट्टी न बांधे. सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें. घर के आसपास कूड़ा अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्र न होने दें.


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