प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर में तैनात पांच ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरुद्ध प्रस्तावित विजिलेंस जांच पर रोक लगा दी है. और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह रोक याची के खिलाफ पहले हुई जांच में उसे बरी करने के बाद उसी मामले की दोबारा विजिलेंस जांच कराये जाने पर लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने यह कलीमुजफ्फर एवं चार अन्य की याचिका पर दिया है.
याचिका के अनुसार विजिलेंस विभाग ने 2020 में 11 ग्राम पंचायत अधिकारियों की नियुक्ति की जांच करने का निर्णय लिया था, जिसके क्रम में विजिलेंस विभाग ने पंचायती राज निदेशालय से याचियों की नियुक्ति संबंधी पत्रावली तलब की है. याचियों की ओर से कहा गया कि याचियों की नियुक्ति की जांच 2019 में सिद्धार्थनगर के जिला पंचायतराज अधिकारी द्वारा की जा चुकी है.
डीपीआरओ ने अपनी जांच में याचियों की नियुक्ति को वैध पाया था. वहीं, स्थायी अधिवक्ता ने कहा कि याचियों की नियुक्ति की विजिलेंस जांच आवश्यक है. विजिलेंस जांच पर कानूनी रोक नहीं है.
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विजिलेंस जांच के आदेश को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया है. साथ ही राज्य सरकार को अगले छह सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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