प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के दो छोटे बेटे बाल संरक्षण गृह से निकलने के बाद इन दिनों अपने रिश्तेदार के घर में शरण लिए हुए हैं. 11 दिन से रिश्तेदार के घर में रह रहे बेटों से मिलने के लिए उनकी मां शाइस्ता परवीन या चाची ज़ैनब के आने की चर्चा (Mafia Atiq Ahmed's wife Shaista Parveen meets her sons in Prayagraj) तेजी से हो रही है. इसको देखते हुए इलाके में पुलिस की गश्त भी बढ़ गयी है. हालांकि अतीक अहमद के दोनों बेटों की सुरक्षा के लिए पहले से दो पुलिस कर्मी तैनात हैं. माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के हटवा गांव में पुलिस की गश्त और मुस्तैदी बढ़ी हुई दिख रही है.
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या: उमेश पाल की 24 फरवरी को हत्या हुई थी. इसके बाद से अतीक अहमद के चौथे और पांचवें नंबर के बेटे परिवार से अलग हो गए थे. पुलिस के मुताबिक माफिया के दोनों बेटे लावारिस हालत में कसारी मसारी इलाके में मिले थे. उस वक्त दोनों नाबालिग थे. इस कारण उन्हें पुलिस ने बाल संरक्षण गृह में भेज दिया था. इसके बाद 5 अक्टूबर को चौथे बेटे के बालिग होने के बाद उनकी बुआ परवीन अहमद कुरेशी दोनों को अपने साथ ले गयी. अभी अतीक अहमद के दोनों बेटे हटवा गांव में अपने चाचा के साढ़ू के यहां रह रहे हैं.
शुक्रवार से शुरू हुई शाइस्ता परवीन के आने की चर्चा: शुक्रवार की दोपहर से इस बात की चर्चा शुरू हो गयी कि माफिया के बेटों से मिलने के लिए उनकी मां शाइस्ता परवीन और चाची ज़ैनब आने वाली हैं. िसको लेकर इलाके की पुलिस भी सक्रिय हो गयी और हटवा गांव में पुलिस गश्त के साथ ही मुस्तैदी भी बढ़ा दी गयी. हालांकि इस गांव में पुलिस पिछले कुछ महीनों से अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है. शुक्रवार को जिस तरह से तेजी से अफवाह फैली कि माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन (How Shaista Parveen meets her sons in Prayagraj) अपने बेटों से मिलने पहुंच सकती हैं.
पुलिस की सतर्कता और गश्त बढ़ गयी है. हालांकि पुलिस के आलाधिकारियों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. जबकि स्थानीय थाने से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पुलिस पहले से ही हटवा में गश्त कर रही है. शुक्रवार को कुछ ज्यादा मुस्तैदी दिखायी गयी थी.
शुक्रवार की सुबह अतीक अशरफ के कब्र पर बेटों के जाने की भी रही चर्चा: माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ के साथ अतीक के बेटे असद को कसारी मसारी के कब्रिस्तान में दफनाया गया था. 9 अक्टूबर को बाल संरक्षण गृह से बाहर आने के बाद अतीक के बेटों के पिता चाचा और भाई की कब्र पर जाने की चर्चा हुई थी. वहीं बताया जा रहा है कि शुक्रवार को ज़ुमे के दिन भोर में होने वाली नमाज़ के वक्त अतीक अहमद के बेटे गुपचुप तरीके से कब्रिस्तान में जाकर पिता चाचा और भाई के कब्र पर फूल चढ़ाने गए थे (Sons pay tribute at Atiq Ahmed's grave).
उस दौरान दोनों बेटे पिता, चाचा और भाई की कब्र से लिपट कर रोते हुए अपने दुख का इजहार कर रहे थे. हटवा गांव में शुक्रवार को पुलिस की गश्त और मुस्तैदी बढ़ने के पीछे यह वजह यह भी हो सकती है. हालांकि इस पूरे मामले किसी भी पुलिस अधिकारी की तरफ से कोई भी औपचारिक जानकारी नहीं दी गयी है.