प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑनर किलिंग के एक मामले में बेटी की हत्या के आरोपी पिता को जमानत देने से इंकार कर दिया. पिता की जमानत अर्जी खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा कि ऑनर किलिंग समाज पर कलंक है. संविधान जीवन जीने का अधिकार देता है. किसी को भी जीवन छीनने का अधिकार नहीं देता है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने बरहज बदायूं के सत्यनारायण उर्फ सत्तन की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया. कोर्ट ने कहा कि झूठी शान के लिए हत्या बर्बर एवं असभ्य कृत्य है. अपनी इच्छा के विरुद्ध कार्य को बर्दाश्त न कर हत्या करना कायरता है. याची की बेटी ने अपनी मर्जी से शादी की थी. उसने घूंघट उठाकर पहचान की और उसके बेटे ने चाकू से उसकी हत्या कर दी. हत्या में शामिल चार आरोपियों को तीन चश्मदीद गवाहों ने देखा है. बर्बर हत्या एक संगीन अपराध है. इसलिए ऐसे आरोपी को राहत पाने का अधिकार नहीं है.
मैनपुरी में स्कूली छात्रा की मौत के मामले में एसआईटी की जांच पर सवाल: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैनपुरी में स्कूली छात्रा की मौत के मामले में एसआईटी की जांच पर सवाल उठने पर सीबीआई के अधिवक्ता को याचिका की कॉपी मुहैया कराने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने इस मामले में सीबीआई अधिवक्ता का नाम काजलिस्ट में दर्ज करने और उन्हें सूचित करने को कहा है. याची की सहायता के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी अमरेंद्र नाथ सिंह, संयुक्ता सिंह व रुचि मालवीय ने एसआईटी जांच प्रक्रिया पर असंतोष जताया और सीबीआई जांच की मांग की.
याची का कहना था कि इस मामले में केवल प्रधानाचार्या को आरोपी बनाया गया है. छात्रा की हत्या मामले की सही जांच नहीं की गई. पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ रही है. सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व आकांक्षा शर्मा ने कहा कि चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. ट्रायल चल रहा है. चतुर्वेदी ने कहा कि सीबीआई जांच पर सरकार को ऐतराज नहीं है. याची महेंद्र प्रताप सिंह का स्वास्थ्य सही नहीं होने के कारण याचिका की सुनवाई एक मई के लिए टाल दी गई.
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