प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में सीरियल बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड वलीउल्ला को फांसी की सजा के विरुद्ध दाखिल अपील पर निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा व न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने वलीउल्ला की जेल अपील और फांसी की पुष्टि के लिए भेजे गए रिफरेंस की सुनवाई करते हुए दिया है. गौरतब है कि वाराणसी में 7 मार्च 2006 को संकट मोचन मंदिर, रेलवे फाटक तथा कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. जिससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया था. इस मामले में मास्टर माइंड वलीउल्ला गाजियाबाद के डासना जेल में बंद है. सीरियल बम ब्लास्ट में कुल 18 लोग मारे गए थे और 76 घायल हुए थे.
जिला व सत्र न्यायाधीश वाराणसी ने 6 जून 2022 को सीरियल ब्लास्ट का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है और 4 लाख का जुर्माना भी लगाया है. मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर नियत की गई है. अभियोजन की तरफ से कैंट धमाके में 54, संकट मोचन धमाके में 47 और दशाश्वमेध घाट मामले में 20 गवाह पेश किए गए थे. जबकि बचाव पक्ष की तरफ से तीनों मामलों में तीन-तीन गवाह पेश किए गए थे. अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद लंका थानाक्षेत्र व दशाश्वमेध थानाक्षेत्र में हुए बम धमाके में आतंकी वलीउल्लाह को हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई है. इस फैसले के खिलाफ जेल अधीक्षक के माध्यम से वलीउल्ला की जेल अपील दाखिल की गई है.
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साल 2006 में वाराणसी में हुए बम धमाकों का दोषी वलीउल्लाह का फूलपुर थाना क्षेत्र के खोजा पुर गांव में घर है. जहां पर वो अपने दो भाइयों के साथ रहता था.अप्रैल 2001 में स्थानीय पुलिस ने वलीउल्लाह को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत देशद्रोह के केस में गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि उसका संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है. इसके अलावा लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी सलीम सज्जाद और पप्पू से भी उसके रिश्ते थे. देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर देश के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश करने का भी आरोप है.