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जबरन जमीन बैनामा कराने का मामलाः अब्बास अंसारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार व शिकायतकर्ता से मांगा जवाब

गाजीपुर में जबरन जमीन बैनामा कराने के मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Mukhtar Ansari son Abbas Ansari) और दो अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है. इस मामले में कोर्ट ने 6 सप्ताह में राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 6:00 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और दो अन्य के खिलाफ षड्यंत्र व धोखाधड़ी से जमीन हथियाने के आरोप में गाजीपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को लेकर दाखिल याचिका पर शिकायतकर्ता अबू फख्र खां को नोटिस जारी किया है. इसके साथ राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से छह सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है. याचियों का कहना है कि वे सभी एक अन्य मामले में जेल में पहले से बंद हैं, इसलिए गिरफ्तारी पर रोक नहीं चाहिए. वे केवल तथ्य व विधिक मुद्दे पर सुनवाई चाहते हैं, इस पर कोर्ट ने विपक्षियों से जवाब मांगा है.

इसे भी पढ़ें-Allahabad High Court : लिंग परिवर्तन सर्जरी के नियम बनाने की कार्यवाही नहीं करने पर हाईकोर्ट नाराज

यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी एवं न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय व सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची का कहना है कि बिना किसी ठोस सबूत के मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे रद्द किया जाए. एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ता की गाजीपुर में सड़क किनारे कीमती जमीन है, जिसमें होम्योपैथिक कॉलेज है. जिसे मोहम्मदाबाद इलाके में दर्जी टोला आवास पर ले जाया गया. जहां अब्बास अंसारी, मुख्तार अंसारी की बीवी अफशान अंसारी, साले अनवर शहजाद व आतिफ रजा ने जमीन का बैनामा करने का दबाव डाला. ऐसा नहीं करने पर नेस्तनाबूद करने की धमकी दी.

इसके बाद वह मुख्तार अंसारी से मिलने के लिए लखनऊ जेल ले गए. बाद में शिकायतकर्ता को फिर घर बुलाया गया और कहा कि 25 लाख में जमीन बेच दो.25 अप्रैल 2012 को उसे रजिस्ट्री कार्यालय गाजीपुर ले गए, जहां पांच लाख रुपये का चेक देकर जमीन का बैनामा करा लिया गया और फिर बैंक ले गए. वहां चेक पर हस्ताक्षर लेकर रकम निकाल ली. ऐसे कई बार किया गया. 12 अगस्त 2012 को पूरी घटना की एफआईआर दर्ज कराई गई. याचिका में इसी एफआईआर को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई है.

इसे भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने कैदियों के लिए तय की गई मजदूरी पर जताई नाराजगी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और दो अन्य के खिलाफ षड्यंत्र व धोखाधड़ी से जमीन हथियाने के आरोप में गाजीपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को लेकर दाखिल याचिका पर शिकायतकर्ता अबू फख्र खां को नोटिस जारी किया है. इसके साथ राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से छह सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है. याचियों का कहना है कि वे सभी एक अन्य मामले में जेल में पहले से बंद हैं, इसलिए गिरफ्तारी पर रोक नहीं चाहिए. वे केवल तथ्य व विधिक मुद्दे पर सुनवाई चाहते हैं, इस पर कोर्ट ने विपक्षियों से जवाब मांगा है.

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यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी एवं न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय व सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची का कहना है कि बिना किसी ठोस सबूत के मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे रद्द किया जाए. एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ता की गाजीपुर में सड़क किनारे कीमती जमीन है, जिसमें होम्योपैथिक कॉलेज है. जिसे मोहम्मदाबाद इलाके में दर्जी टोला आवास पर ले जाया गया. जहां अब्बास अंसारी, मुख्तार अंसारी की बीवी अफशान अंसारी, साले अनवर शहजाद व आतिफ रजा ने जमीन का बैनामा करने का दबाव डाला. ऐसा नहीं करने पर नेस्तनाबूद करने की धमकी दी.

इसके बाद वह मुख्तार अंसारी से मिलने के लिए लखनऊ जेल ले गए. बाद में शिकायतकर्ता को फिर घर बुलाया गया और कहा कि 25 लाख में जमीन बेच दो.25 अप्रैल 2012 को उसे रजिस्ट्री कार्यालय गाजीपुर ले गए, जहां पांच लाख रुपये का चेक देकर जमीन का बैनामा करा लिया गया और फिर बैंक ले गए. वहां चेक पर हस्ताक्षर लेकर रकम निकाल ली. ऐसे कई बार किया गया. 12 अगस्त 2012 को पूरी घटना की एफआईआर दर्ज कराई गई. याचिका में इसी एफआईआर को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई है.

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