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हाईकोर्ट ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर CBI से चार हफ्ते में मांगा जवाब - Suicide note of Mahant Narendra Giri

बाघंबरी गद्दी के महंत और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से जवाब मांगा है.

आनंद गिरि.
आनंद गिरि.
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Published : Dec 3, 2021, 8:01 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बाघंबरी गद्दी के महंत और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरि उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर दिया है. अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान और सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की.

याची की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि नरेन्द्र गिरि आत्महत्या मामले में याची को फंसाया गया है. खुदकुशी नोट संदिग्ध है, जिसमें याची का नाम आया है. इसके अलावा याची के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. घटना के समय याची शहर से दूर हरिद्वार में था. जहां एसएचओ जार्ज टाउन ने फोन पर जानकारी दी. कोर्ट में अधिवक्ता ने दलील दी कि महंत नरेंद्र गिरि के खुदकुशी नोट में कटिंग है. सुसाइड नोट में मर चुके संत का भी नाम आया है. नोट मृतक महंत द्वारा नहीं लिखा गया है.

इसे भी पढ़ें-नरेंद्र गिरि मौत मामला : CBI ने आनंद गिरि और दो अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि याची 22 सितंबर 21से जेल में बंद हैं. दलील सुनने के बाद विशेष अदालत इलाहाबाद ने 11 नवबर को जमानत अर्जी खारिज कर दी है. जिसपर यह अर्जी दाखिल की गई है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बाघंबरी गद्दी के महंत और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरि उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर दिया है. अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान और सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की.

याची की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि नरेन्द्र गिरि आत्महत्या मामले में याची को फंसाया गया है. खुदकुशी नोट संदिग्ध है, जिसमें याची का नाम आया है. इसके अलावा याची के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. घटना के समय याची शहर से दूर हरिद्वार में था. जहां एसएचओ जार्ज टाउन ने फोन पर जानकारी दी. कोर्ट में अधिवक्ता ने दलील दी कि महंत नरेंद्र गिरि के खुदकुशी नोट में कटिंग है. सुसाइड नोट में मर चुके संत का भी नाम आया है. नोट मृतक महंत द्वारा नहीं लिखा गया है.

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अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि याची 22 सितंबर 21से जेल में बंद हैं. दलील सुनने के बाद विशेष अदालत इलाहाबाद ने 11 नवबर को जमानत अर्जी खारिज कर दी है. जिसपर यह अर्जी दाखिल की गई है.

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