प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर(Banke Bihari Temple) में कृष्ण जन्माष्टमी(Krishna Janmashtami) के अवसर पर हुई भगदड़ की घटना पर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि भविष्य में इस प्रकार के हादसे ना हों इसकी रोकथाम के लिए क्या योजना है. कोर्ट ने राज्य सरकार को इसकी स्टेटस रिपोर्ट 13 सितंबर तक सौंपने का निर्देश दिया है.
याची अनंत शर्मा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने सुनवाई की. याची का कहना है कि प्रशासन को कुप्रबंधन के कारण जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर में भगदड़ हुई. ऐसी अप्रिय घटना होने से रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया था. इसमें 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे. इस पर कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा कि धर्मिक स्थलों पर इस प्रकार के हादसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार के पास क्या योजना है. कोर्ट का कहना था कि ऐसी समस्या देश भर के धार्मिक स्थलों पर है, जहां भीड़ का प्रबंधन (Banke Bihari temple Security arrangements) ठीक से नहीं किया जाता है. जिसकी वजह से हादसे होने की आशंका बनी रहती है.
इसे पढ़ें- बांके बिहारी मंदिर घटना की जांच करेगी दो सदस्यीय समिति, 15 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
याची का कहना था कि बांके बिहारी मंदिर वर्ष 1860 में बना था. उस वक्त आबादी बहुत कम थी. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ 1200 वर्ग फुट की जगह ही उपलब्ध है. उस पर भी कई जगह अतिक्रमण है, मौजूदा समय में लगभग 5 लाख लोग त्योहारों के अवसर पर मंदिर में आते हैं. उसमे वीआईपी गलियारा अलग से है. जगह कम होने का कारण यहां हादसों कि आशंका हमेशा बनी रहती है. कोर्ट ने प्रदेश सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इसे पढ़ें- श्रद्धालुओं की मौत के मामले में बांके बिहारी मंदिर के सेवायत ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप