प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highc Court) ने राज्य सरकार (UP Government) से पेट्रोल पंप आउटलेट डीलरशिप (Petrol Pump Outlet Dealership)आवंटित होने के बाद एटा जिलाधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से इंकार करने पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके साथ ही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (Bharat Petroleum Corporation) से भी जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने धर्मेंद्र कुमार की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता बीके सिंह रघुवंशी ने बहस की. अब याचिका की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी.
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अधिवक्ता बीके सिंह रघुवंशी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि भारत पेट्रोलियम निगम ने 2018 में आउटलेट डीलरशिप के लिए विज्ञापन निकाला था. जिसमें याची के पक्ष में आवंटन हुआ. इसके बाद याची धर्मेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी से अनापत्ति प्रमाणपत्र की मांग की. लेकिन डीएम ने यह कहते हुए अनापत्ति देने से इंकार कर दिया कि 4 दिसंबर 19 के शासनादेश से एक पेट्रोल पंप से दूसरे पंप की दूरी 600 मीटर होनी चाहिए. याची अधिवक्ता का कहना है कि 2019 में जारी शासनादेश को 2018 की डीलरशिप आवंटन पर लागू नहीं किया जा सकता. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस बिंदु पर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अगली सुनाई 10 सितंबर को निर्धारित की है.