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हाईकोर्ट ने कहा- जाति प्रमाणपत्र धारक को आरक्षण से वंचित करना गलत

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कांस्टेबल भर्ती 2015(constable recruitment 2015) के अभ्यर्थी को ओबीसी आरक्षण का लाभ देते हुए 30 दिन के भीतर नियुक्ति के संबंध में उचित आदेश करने का निर्देश यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड (UP Police Recruitment Board) दिया है. याची ने आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 9:57 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को कांस्टेबल भर्ती 2015 के अभ्यर्थी को ओबीसी आरक्षण का लाभ देते हुए 30 दिन के भीतर नियुक्ति के संबंध में उचित आदेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि अभ्यर्थी ने ऑनलाइन आवेदन में विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप जाति प्रमाण पत्र का विवरण अकिंत किया है और निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक अर्जित किए हैं तो उसे ओबीसी आरक्षण के लाभ से वचिंत नहीं किया जा सकता. भले ही अभ्यर्थी ने पुरानी तिथि का अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र दाखिल किया हो.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका.

हाईकोर्ट ने यह आदेश कांस्टेबल भर्ती 2015 के ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा की याचिका पर उसके अधिवक्ता सुनील यादव और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. एडवोकेट सुनील यादव का कहना था कि याची ने चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे. एक जाति प्रमाण पत्र का विवरण विज्ञापन के अनुरूप ऑनलाइन आवेदन में अकिंत किया था और दूसरा संवीक्षा दल द्वारा मांगे जाने पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष-2014 में जारी जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया था. जिसके आधार पर भर्ती बोर्ड ने याची को सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी मानकर ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया. इस कारण ओबीसी कटऑफ से अधिक अंक के बावजूद याची को असफल घोषित किया गया. भर्ती बोर्ड की यह कार्रवाई न सिर्फ मनमानी और राज्य की आरक्षण नीति के विपरीत है बल्कि असंवैधानिक भी है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली.

यह भी पढ़ें : 2018 कांस्टेबल भर्तीः गैर राज्यों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर हाई कोर्ट ने मांगी जानकारी

यह भी पढ़ें : सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित 12091 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी न करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका.

हाईकोर्ट ने यह आदेश कांस्टेबल भर्ती 2015 के ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा की याचिका पर उसके अधिवक्ता सुनील यादव और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. एडवोकेट सुनील यादव का कहना था कि याची ने चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे. एक जाति प्रमाण पत्र का विवरण विज्ञापन के अनुरूप ऑनलाइन आवेदन में अकिंत किया था और दूसरा संवीक्षा दल द्वारा मांगे जाने पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष-2014 में जारी जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया था. जिसके आधार पर भर्ती बोर्ड ने याची को सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी मानकर ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया. इस कारण ओबीसी कटऑफ से अधिक अंक के बावजूद याची को असफल घोषित किया गया. भर्ती बोर्ड की यह कार्रवाई न सिर्फ मनमानी और राज्य की आरक्षण नीति के विपरीत है बल्कि असंवैधानिक भी है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली.

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