प्रयागराजः सपा विधायक शाहिद हसन को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका मिला है. शिकायतकर्ता के पति की गाड़ी छीन लेने और जान की धमकी देने का आरोप में कोर्ट ने शाहिद हसन को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याची आरोपी ने गाड़ी शिकायतकर्ता को वापस नहीं की. पिकअप याची के आवास से पुलिस ने बरामद की है.
शिकायतकर्ता के पति को किराये पर गाड़ी ले जाने वाले नवाब ने फोन पर जान से मारने की धमकी दी. कोर्ट ने कहा, साक्ष्य व गवाहों से छेड़छाड़ व दबाव डालने व जमानत के दुरुपयोग की संभावना को देखते हुए याची जमानत पाने का हकदार नहीं हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने नाहिद हसन की अर्जी को खारिज करते हुए दिया है.
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मालूम हो कि श्रीमती शाहजहां के पति उम्मेदराव ने पिकअप नवाब को हर माह के किराए पर दिया था लेकिन उसने किराया जमा नहीं किया. इस पर उम्मेदराव ने गाड़ी वापस मांगी तो कहा, डेढ़ लाख रुपये एक मुश्त दे देगा. शिकायतकर्ता व उसके पति ने शामली के कैराना थाने में शिकायत की. गाड़ी याची विधायक के घर पर खड़ी थी. जब उम्मीदराव विधायक के घर पहुंचे तो धमका कर भगा दिया गया. बार-बार फोन पर धमकी से शिकायतकर्ता के पति को हार्ट अटैक हुआ. अस्पताल में भर्ती थे तो पुलिस ने फोन किया कि गाड़ी थाने से ले जाए. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की. याची ने सम्मन लेने से इंकार कर दिया. ट्रायल में सहयोग नहीं कर रहा है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बता दें कि 29 जनवरी 2022 से सपा विधायक शाहिद हसन जेल में बंद हैं.