ETV Bharat / state

High Court news: गैंगस्टर के मुकदमे में मुख्तार अंसारी की जमानत खारिज

author img

By

Published : Jan 13, 2023, 9:37 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ में मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग किए जाने के मामले में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में चर्चित माफिया मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

Etv bharat
High Court news: गैंगस्टर के मुकदमे में मुख्तार अंसारी की जमानत खारिज

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ में मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग किए जाने के मामले में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में चर्चित माफिया मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे. मुख्तार की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, कि गंभीर धाराओं में 58 मुकदमे होने के बावजूद आज तक मुख्तार को किसी भी मामले में सजा नहीं हो सकी क्योंकि उसके डर के मारे कोई गवाह सामने नहीं आता है और न ही कोई साक्ष्य देने आता है. यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है.

जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह अपनी अर्जी वापस लेना चाहते हैं इसलिए इस जमानत अर्जी को वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया जाए मगर उन्होंने यह अंडरटेकिंग नहीं दी की अर्जी वापस लेने के बाद वह दूसरी जमानत अर्जी नहीं दाखिल करेंगे.

कोर्ट ने कहा कि अदालत समझ रही है कि याची इस न्याय पीठ में जमानत की सुनवाई नहीं चाहता है इसलिए वह यहां से जमानत अर्जी वापस लेना चाहता है क्योंकि दूसरी जमानत अर्जी दाखिल करने पर कोई रोक नहीं है कोर्ट ने कहा कि यह जमानत अर्जी वापस लिए जाने के आधार पर खारिज नहीं करेंगे बल्कि मेरिट पर सुनवाई के बाद निर्णय करेंगे.

कोर्ट ने कहा कि इससे पूर्व भी इस अदालत ने मुख्तार की एक अन्य जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि मुख्तार पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 58 के करीब गंभीर मुकदमे हैं तथा उत्तर भारत में उसकी छवि रॉबिनहुड की है. वह दुर्दांत और आदतन अपराधी है जो 1986 से अपराध की दुनिया में सक्रिय है मगर आज तक उसे एक भी मामले में सजा नहीं हो सकी यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है. अगर यह आपराधिक गैंगस्टर नहीं है तो फिर देश में कोई दूसरा गैंगस्टर नहीं हो सकता. कोर्ट ने कहा कि 6 फरवरी 2014 को हुआ मौजूदा अपराध सिर्फ आम लोगों में दहशत फैलाने के लिए किया गया ताकि अभियुक्त और उसके गैंग के सदस्यों के अलावा अन्य कोई ठेका लेने की हिम्मत ना कर सके इसलिए उसके गैंग के सदस्यों ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें एक निर्दोष मजदूर की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए. कोर्ट ने मुख्तार के लंबे आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

शुआट्स के कुलपति आरबी लाल की याचिका खारिज
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखे से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में फतेहपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली शुआट्स नैनी के कुलपति आरबी लाल की याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची एफआई आर में नामजद नहीं है इसलिए उसे इस एफआईआर को चुनौती देने का कानूनी अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि विवेचना के दौरान यदि याची के खिलाफ धर्म परिवर्तन में संलिप्तता का साक्ष्य मिलता है तो वह इस याचिका का विषय नहीं हो सकता. कोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना और खारिज कर दिया. याचिका के अनुसार फतेहपुर कोतवाली में हिंदुओं को ईसाई बनाने के आरोप में 15 अप्रैल 2022 को 65 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई है.

ये भी पढ़ेंः sadhvi prachi news: मुजफ्फरनगर दंगा मामले में साध्वी प्राची ने कोर्ट में किया सरेंडर

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ में मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग किए जाने के मामले में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में चर्चित माफिया मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे. मुख्तार की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, कि गंभीर धाराओं में 58 मुकदमे होने के बावजूद आज तक मुख्तार को किसी भी मामले में सजा नहीं हो सकी क्योंकि उसके डर के मारे कोई गवाह सामने नहीं आता है और न ही कोई साक्ष्य देने आता है. यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है.

जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह अपनी अर्जी वापस लेना चाहते हैं इसलिए इस जमानत अर्जी को वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया जाए मगर उन्होंने यह अंडरटेकिंग नहीं दी की अर्जी वापस लेने के बाद वह दूसरी जमानत अर्जी नहीं दाखिल करेंगे.

कोर्ट ने कहा कि अदालत समझ रही है कि याची इस न्याय पीठ में जमानत की सुनवाई नहीं चाहता है इसलिए वह यहां से जमानत अर्जी वापस लेना चाहता है क्योंकि दूसरी जमानत अर्जी दाखिल करने पर कोई रोक नहीं है कोर्ट ने कहा कि यह जमानत अर्जी वापस लिए जाने के आधार पर खारिज नहीं करेंगे बल्कि मेरिट पर सुनवाई के बाद निर्णय करेंगे.

कोर्ट ने कहा कि इससे पूर्व भी इस अदालत ने मुख्तार की एक अन्य जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि मुख्तार पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 58 के करीब गंभीर मुकदमे हैं तथा उत्तर भारत में उसकी छवि रॉबिनहुड की है. वह दुर्दांत और आदतन अपराधी है जो 1986 से अपराध की दुनिया में सक्रिय है मगर आज तक उसे एक भी मामले में सजा नहीं हो सकी यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है. अगर यह आपराधिक गैंगस्टर नहीं है तो फिर देश में कोई दूसरा गैंगस्टर नहीं हो सकता. कोर्ट ने कहा कि 6 फरवरी 2014 को हुआ मौजूदा अपराध सिर्फ आम लोगों में दहशत फैलाने के लिए किया गया ताकि अभियुक्त और उसके गैंग के सदस्यों के अलावा अन्य कोई ठेका लेने की हिम्मत ना कर सके इसलिए उसके गैंग के सदस्यों ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें एक निर्दोष मजदूर की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए. कोर्ट ने मुख्तार के लंबे आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

शुआट्स के कुलपति आरबी लाल की याचिका खारिज
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखे से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में फतेहपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली शुआट्स नैनी के कुलपति आरबी लाल की याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची एफआई आर में नामजद नहीं है इसलिए उसे इस एफआईआर को चुनौती देने का कानूनी अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि विवेचना के दौरान यदि याची के खिलाफ धर्म परिवर्तन में संलिप्तता का साक्ष्य मिलता है तो वह इस याचिका का विषय नहीं हो सकता. कोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना और खारिज कर दिया. याचिका के अनुसार फतेहपुर कोतवाली में हिंदुओं को ईसाई बनाने के आरोप में 15 अप्रैल 2022 को 65 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई है.

ये भी पढ़ेंः sadhvi prachi news: मुजफ्फरनगर दंगा मामले में साध्वी प्राची ने कोर्ट में किया सरेंडर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.