ETV Bharat / state

High court news: फर्जी नियुक्ति अध्यापक से वेतन वसूली में हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट का इंकार - हाईकोर्ट की खबरें हिंदी में

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे के नाम पर उच्चतर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी करने वाले सहायक अध्यापक से उसे भुगतान किए गए वेतन की वसूली के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

Etv bharat
Etv bharat
author img

By

Published : May 19, 2023, 9:21 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे के नाम पर उच्चतर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी करने वाले सहायक अध्यापक से उसे भुगतान किए गए वेतन की वसूली के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. गाजीपुर के राम नवल की याचिका पर न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की.

याचिका में 23 दिसंबर 2022 को बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर द्वारा जारी 72,87,166 रुपए की रिकवरी को चुनौती दी गई थी. याची पर आरोप है कि वह उच्चतर प्राथमिक विद्यालय काजीपुर, विकासखंड कासिमाबाद गाजीपुर में सहायक अध्यापक के पद पर एक अनिल कुमार गौर के नाम पर नौकरी कर रहा था.

वर्ष 2006 में नियुक्ति पाने के बाद से वह लगातार राज्य सरकार से वेतन भी प्राप्त कर रहा था. गांव के ही एक शंभू नाथ तिवारी की शिकायत पर जांच शुरू की गई और तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने शिकायत को सही पाते हुए 23 जुलाई 2022 को याची को सेवा से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद उसे भुगतान किए गए वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया.

याची का कहना था कि उसने कोई फ्रॉड नहीं किया है. उसका अनिल कुमार गौर से कोई लेना देना नहीं है. इस मामले में दर्ज मुकदमे में याची को इस आधार पर जमानत मिल चुकी है कि अभियोजन इस अपराध से याची का कोई संबंध साबित नहीं कर पाया है. दूसरी ओर बेसिक शिक्षा परिषद गाजीपुर के अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडे का कहना था कि याची को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.

जांच कमेटी ने भी उसे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था मगर वह हाजिर नहीं हुआ. जानकारी करने पर पता चला कि वह विद्यालय भी नहीं जा रहा है तथा भागा हुआ है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में कई विवादित तथ्यात्मक प्रश्नों का समाधान होना है जिसे की रिट याचिका में तय नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

ये भी पढ़ेंः दो हजार के नोट वापस लेगी RBI, 30 सितंबर तक बैंक को वापस करने होंगे

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे के नाम पर उच्चतर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी करने वाले सहायक अध्यापक से उसे भुगतान किए गए वेतन की वसूली के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. गाजीपुर के राम नवल की याचिका पर न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की.

याचिका में 23 दिसंबर 2022 को बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर द्वारा जारी 72,87,166 रुपए की रिकवरी को चुनौती दी गई थी. याची पर आरोप है कि वह उच्चतर प्राथमिक विद्यालय काजीपुर, विकासखंड कासिमाबाद गाजीपुर में सहायक अध्यापक के पद पर एक अनिल कुमार गौर के नाम पर नौकरी कर रहा था.

वर्ष 2006 में नियुक्ति पाने के बाद से वह लगातार राज्य सरकार से वेतन भी प्राप्त कर रहा था. गांव के ही एक शंभू नाथ तिवारी की शिकायत पर जांच शुरू की गई और तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने शिकायत को सही पाते हुए 23 जुलाई 2022 को याची को सेवा से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद उसे भुगतान किए गए वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया.

याची का कहना था कि उसने कोई फ्रॉड नहीं किया है. उसका अनिल कुमार गौर से कोई लेना देना नहीं है. इस मामले में दर्ज मुकदमे में याची को इस आधार पर जमानत मिल चुकी है कि अभियोजन इस अपराध से याची का कोई संबंध साबित नहीं कर पाया है. दूसरी ओर बेसिक शिक्षा परिषद गाजीपुर के अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडे का कहना था कि याची को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.

जांच कमेटी ने भी उसे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था मगर वह हाजिर नहीं हुआ. जानकारी करने पर पता चला कि वह विद्यालय भी नहीं जा रहा है तथा भागा हुआ है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में कई विवादित तथ्यात्मक प्रश्नों का समाधान होना है जिसे की रिट याचिका में तय नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

ये भी पढ़ेंः दो हजार के नोट वापस लेगी RBI, 30 सितंबर तक बैंक को वापस करने होंगे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.