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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती! कोर्ट का आदेश- इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर डिग्री धारक की अहर्ता पर निर्णय लें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर नियुक्ति के लिए फिजिक्स में मास्टर की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी को शामिल किए जाने पर निर्णय लें.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 18, 2022, 9:17 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर नियुक्ति हेतु फिजिक्स (इलेक्ट्रॉनिक्स) में मास्टर की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी को शामिल किए जाने पर निर्णय लें. कोर्ट ने आयोग के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में याची के प्रत्यावेदन पर 3 सप्ताह के भीतर सकारण आदेश पारित करें.

डॉ. दिलीप गुप्ता और चार अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया. याची के अधिवक्ता अभिषेक त्रिपाठी का कहना था कि आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स पद पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन 9 जुलाई 2022 को जारी की. विज्ञापन में आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि फिजिक्स (इलेक्ट्रॉनिक) में मास्टर डिग्री रखने वाले इस पद पर आवेदन करने के लिए योग्य होंगे कि नहीं. इससे याची को आशंका है कि उसका आवेदन निरस्त किया जा सकता है. याची का कहना था कि इलेक्ट्रॉनिक फिजिक्स का एक आंतरिक सब्जेक्ट है. इसी प्रकार के एक अन्य मामले में पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी को अदालत ने प्रवक्ता बॉटनी और जूलॉजी के पद के लिए आवेदन करने के योग्य माना है.

कोर्ट ने कहा कि हर विषय पर अलग से विचार करने की आवश्यकता है कि उससे जुड़े आंतरिक विषय में मास्टर की डिग्री रखने वाला मुख्य विषय के लिए आवेदन करने हेतु योग्य माना जाएगा या नहीं. आयोग को संबंध में निर्णय लेकर सूचित करना चाहिए. कोर्ट ने याची से कहा है कि वह अदालत के आदेश की प्रति के साथ एक सप्ताह के भीतर उच्चतर सेवा आयोग के समक्ष प्रत्यावेदन दे. दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत करें तथा आयोग के चेयरमैन इस मामले में 3 सप्ताह के भीतर सकारण आदेश पारित करें.

यह भी पढ़ें- बरेली जोन में धर्मांतरण कराने वालों पर पुलिस सख्त, अब तक 115 आरोपी भेजे गए जेल

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर नियुक्ति हेतु फिजिक्स (इलेक्ट्रॉनिक्स) में मास्टर की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी को शामिल किए जाने पर निर्णय लें. कोर्ट ने आयोग के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में याची के प्रत्यावेदन पर 3 सप्ताह के भीतर सकारण आदेश पारित करें.

डॉ. दिलीप गुप्ता और चार अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया. याची के अधिवक्ता अभिषेक त्रिपाठी का कहना था कि आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स पद पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन 9 जुलाई 2022 को जारी की. विज्ञापन में आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि फिजिक्स (इलेक्ट्रॉनिक) में मास्टर डिग्री रखने वाले इस पद पर आवेदन करने के लिए योग्य होंगे कि नहीं. इससे याची को आशंका है कि उसका आवेदन निरस्त किया जा सकता है. याची का कहना था कि इलेक्ट्रॉनिक फिजिक्स का एक आंतरिक सब्जेक्ट है. इसी प्रकार के एक अन्य मामले में पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी को अदालत ने प्रवक्ता बॉटनी और जूलॉजी के पद के लिए आवेदन करने के योग्य माना है.

कोर्ट ने कहा कि हर विषय पर अलग से विचार करने की आवश्यकता है कि उससे जुड़े आंतरिक विषय में मास्टर की डिग्री रखने वाला मुख्य विषय के लिए आवेदन करने हेतु योग्य माना जाएगा या नहीं. आयोग को संबंध में निर्णय लेकर सूचित करना चाहिए. कोर्ट ने याची से कहा है कि वह अदालत के आदेश की प्रति के साथ एक सप्ताह के भीतर उच्चतर सेवा आयोग के समक्ष प्रत्यावेदन दे. दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत करें तथा आयोग के चेयरमैन इस मामले में 3 सप्ताह के भीतर सकारण आदेश पारित करें.

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