प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट का ई फाइलिंग केंद्र और वीडियो कांफ्रेंसिंग सेंटर मेरठ में स्थापित किए जाने संबंधी केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में उबाल है. अधिवक्ताओं ने इस बयान की निंदा करते हुए इससे बचकाना तथा हाईकोर्ट की गरिमा को गिराने वाला करार दिया है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने एक बैठक कर न सिर्फ बयान की निंदा की बल्कि भविष्य में ऐसे किसी भी प्रयास के विरोध में आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें विभिन्न मीडिया माध्यमों से यह पता चला कि मेरठ में हाईकोर्ट का ई फाइलिंग केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है. साथ ही उनका यह भी कहना है कि यह केंद्र स्थापित हो जाने से वादकारियों को हाई कोर्ट में मुकदमा लड़ने के लिए इलाहाबाद जाने की आवश्यकता नहीं होगी. वह मेरठ से ही मुकदमे का दाखिला और बहस कर सकेंगे.
अध्यक्ष ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी इस बयान की निंदा करती है. कार्यकारिणी का कहना है कि हाईकोर्ट से संबंधित कोई भी निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सहमति और जानकारी के बिना यदि लिया जाता है तो यह अधिवक्ता इसका पुरजोर विरोध करेंगे. केंद्र सरकार के मंत्रियों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, क्योंकि इससे हाईकोर्ट की अस्मिता और गरिमा धूमिल होती है. इस प्रकार की कोशिश हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार का हनन है और अधिवक्ता हितों के लिए उचित नहीं है. ऐसे बयानों से न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है.
बार कार्यकारिणी ने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि इस प्रकार की कोई कोशिश की जाती है तो अधिवक्ता इसका पुरजोर विरोध का आंदोलन करेंगे. कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता अशोक कुमार सिंह ने तथा संचालन संयुक्त सचिव प्रशासन सर्वेश दुबे ने किया. बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष गण आशुतोष पांडे, अशोक कुमार त्रिपाठी, अजय कुमार मिश्रा, अरविंद कुमार श्रीवास्तव, स्वर्ण लता सुमन के अलावा अजय सिंह, अमरेंदु सिंह, अंजना चतुर्वेदी, आशीष कुमार मिश्र तथा कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद थे.