प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फूलपुर में दुष्कर्म के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के तहत पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक आरोपी याची की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. याची को पुलिस विवेचना में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने मदन किशोर व दो अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आरएन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग से बहस की.
याची का कहना था कि वह शिकायतकर्ता के साथ पति-पत्नी की तरह पिछले 15 सालों से रह रहा है. बीते दिनों याची के बेटे व दामाद के कारण अप्रिय घटना को लेकर विपक्षी ने तैश में आकर प्राथमिकी दर्ज करा दी है. प्रमोद सूर्यभान पवार केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाना अपराध नहीं होता. इसलिए प्राथमिकी रद्द की जाए. सरकारी वकील की आपत्ति थी कि प्राथमिकी से अपराध बनता है. जिस पर कोर्ट ने विवेचना जारी रखने का आदेश देते हुए गिरफ्तारी से राहत दी है.