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हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक की याचिका पर BJP विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को जारी किया नोटिस - High Court latest news

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की चुनाव याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक की याचिका पर बीजेपी के विधायक हर्षवर्धन वापपेई को नोटिस जारी किया है.

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Published : May 24, 2022, 9:05 PM IST

प्रयागराज : कोर्ट ने शहर उत्तरी प्रयागराज के कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की चुनाव याचिका पर विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की याचिका की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की.

कोर्ट ने पंजीकृत डाक सहित महानिबंधक द्वारा चिन्हित अखबारों में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. याचिका में विधायक हर्षवर्धन वाजपेई पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति, बैंक लोन को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है. याची का कहना है कि विपक्षी ने सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति बताया है और 22 करोड़ की संपत्ति को साढ़े 3 करोड़ दिखाया है.

यह भी आरोप है कि इस वर्ष चुनाव में पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव से भिन्न जानकारी दी गई है. लोन बकाया है किन्तु बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से अदेय प्रमाणपत्र प्राप्त किया है. साथ ही एक ही साल में 2 डिग्रियां हांसिल की हैं, जो करप्ट प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है. याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण चुनाव रद्द करने की मांग की गई है.

इसे पढ़ें- हार्दिक पटेल 30 मई को भाजपा में हो सकते हैं शामिल, मोदी-शाह से जल्द करेंगे मुलाकात

प्रयागराज : कोर्ट ने शहर उत्तरी प्रयागराज के कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की चुनाव याचिका पर विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की याचिका की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की.

कोर्ट ने पंजीकृत डाक सहित महानिबंधक द्वारा चिन्हित अखबारों में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. याचिका में विधायक हर्षवर्धन वाजपेई पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति, बैंक लोन को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है. याची का कहना है कि विपक्षी ने सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति बताया है और 22 करोड़ की संपत्ति को साढ़े 3 करोड़ दिखाया है.

यह भी आरोप है कि इस वर्ष चुनाव में पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव से भिन्न जानकारी दी गई है. लोन बकाया है किन्तु बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से अदेय प्रमाणपत्र प्राप्त किया है. साथ ही एक ही साल में 2 डिग्रियां हांसिल की हैं, जो करप्ट प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है. याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण चुनाव रद्द करने की मांग की गई है.

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