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हाईकोर्ट ने डिप्टी डायरेक्टर पंचायती राज के खिलाफ जारी किया वारंट - High Court issued warrant

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अनुश्रवण प्रकोष्ठ लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं दाखिल किया जवाब.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 21, 2022, 10:23 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अनुश्रवण प्रकोष्ठ लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डिप्टी डायरेक्टर से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. निर्देश दिया था कि यदि वह जवाब दाखिल नहीं करते हैं, तो व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होकर के स्पष्टीकरण दें.

मामले की सुनवाई के दौरान न तो डिप्टी डायरेक्टर स्वयं आए और न ही उनकी ओर से कोई जवाब दाखिल किया गया. उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता भी उपस्थित नहीं था. इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है. कोर्ट ने सीजीएम लखनऊ को निर्देश दिया है कि वह डिप्टी डायरेक्टर को 18 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित करें.

यह भी पढे़ें:जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, 7 साल की सजा

रामफल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया. याची का कहना था कि वह एक रिटायर्ड व्यक्ति है और पिछले 7 महीने से पंचायती राज विभाग द्वारा उसके याचिका में जवाब नहीं दाखिल किया जा रहा है. इससे पूर्व भी अदालत विभाग को जवाब दाखिल करने का समय दे चुकी थी. पंचायती राज विभाग की ओर से कोई जवाब न देने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने वारंट जारी किया है.

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प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अनुश्रवण प्रकोष्ठ लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डिप्टी डायरेक्टर से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. निर्देश दिया था कि यदि वह जवाब दाखिल नहीं करते हैं, तो व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होकर के स्पष्टीकरण दें.

मामले की सुनवाई के दौरान न तो डिप्टी डायरेक्टर स्वयं आए और न ही उनकी ओर से कोई जवाब दाखिल किया गया. उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता भी उपस्थित नहीं था. इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है. कोर्ट ने सीजीएम लखनऊ को निर्देश दिया है कि वह डिप्टी डायरेक्टर को 18 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित करें.

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रामफल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया. याची का कहना था कि वह एक रिटायर्ड व्यक्ति है और पिछले 7 महीने से पंचायती राज विभाग द्वारा उसके याचिका में जवाब नहीं दाखिल किया जा रहा है. इससे पूर्व भी अदालत विभाग को जवाब दाखिल करने का समय दे चुकी थी. पंचायती राज विभाग की ओर से कोई जवाब न देने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने वारंट जारी किया है.

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