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5 जिलों में बढ़े कोरोना मरीज, हाईकोर्ट ने कहा- ठीक से काम नहीं कर रही पुलिस

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Published : Dec 3, 2020, 8:32 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर और गौतम बुद्ध नगर में कोरोना मरीजों की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और सरकार को रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिये. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है. कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सौ फीसदी मास्क पहनना लागू किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: कोरोना संक्रमण व पार्किंग मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ को अपर महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य के 75 जिलों में से 37 जिलों की द्रोण कैमरे से निगरानी की जा रही है. प्रयागराज में दो द्रोण कैमरे 21 एरिया की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस विभाग के चार द्रोण कैमरों को मरम्मत के लिए मुंबई भेजा गया है.

कोर्ट ने लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर और गौतम बुद्ध नगर में कोरोना मरीजों की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और सरकार को रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिये. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है. कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सौ फीसदी मास्क पहनना लागू किया जाए. जिले में बाहर से आने वालों की जांच हो. मेडिकल सुविधा बढ़ाई जाए. अगली सुनवाई के दिन टेस्टिंग व स्वस्थ होने की दर की जानकारी दी जाए.

जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और न्यायाधीश अजित कुमार की खंडपीठ को जानकारी दी गई कि खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले 729 लोगों ने नियमों के पालन का लिखित आश्वासन दिया है. जिस पर एडवोकेट कमिश्नर ने आपत्ति की कि मौके पर कोविड-19 नियमों का पालन नहीं हो रहा है. लोग मौके पर ही खा रहे हैं. दुकानदार पैक खाना नहीं दे रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों की जानकारी देने को कहा है. कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज में कोविड मरीजों का अलग गेट बनाने में धन की कमी पूरी करने के निर्देश का पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि फंड उपलब्ध कराएं या डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अध्ययन कोर्ट में 10 दिसंबर को हाजिर हों.

कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नरों ने रिपोर्ट देकर सफाई न होने, स्ट्रीट लाइट बंद रहने, कूड़ा संग्रह न करने जैसी कई शिकायतें की. कोर्ट ने नगर आयुक्त को इन पर कार्यवाही करने का आदेश दिया. प्रयागराज विकास प्राधिकरण व प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से हलफनामे दाखिल किये गये. पीडीए ने अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी. कोर्ट ने कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है. याचिका की सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.

प्रयागराज: कोरोना संक्रमण व पार्किंग मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ को अपर महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य के 75 जिलों में से 37 जिलों की द्रोण कैमरे से निगरानी की जा रही है. प्रयागराज में दो द्रोण कैमरे 21 एरिया की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस विभाग के चार द्रोण कैमरों को मरम्मत के लिए मुंबई भेजा गया है.

कोर्ट ने लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर और गौतम बुद्ध नगर में कोरोना मरीजों की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और सरकार को रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिये. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है. कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सौ फीसदी मास्क पहनना लागू किया जाए. जिले में बाहर से आने वालों की जांच हो. मेडिकल सुविधा बढ़ाई जाए. अगली सुनवाई के दिन टेस्टिंग व स्वस्थ होने की दर की जानकारी दी जाए.

जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और न्यायाधीश अजित कुमार की खंडपीठ को जानकारी दी गई कि खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले 729 लोगों ने नियमों के पालन का लिखित आश्वासन दिया है. जिस पर एडवोकेट कमिश्नर ने आपत्ति की कि मौके पर कोविड-19 नियमों का पालन नहीं हो रहा है. लोग मौके पर ही खा रहे हैं. दुकानदार पैक खाना नहीं दे रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों की जानकारी देने को कहा है. कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज में कोविड मरीजों का अलग गेट बनाने में धन की कमी पूरी करने के निर्देश का पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि फंड उपलब्ध कराएं या डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अध्ययन कोर्ट में 10 दिसंबर को हाजिर हों.

कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नरों ने रिपोर्ट देकर सफाई न होने, स्ट्रीट लाइट बंद रहने, कूड़ा संग्रह न करने जैसी कई शिकायतें की. कोर्ट ने नगर आयुक्त को इन पर कार्यवाही करने का आदेश दिया. प्रयागराज विकास प्राधिकरण व प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से हलफनामे दाखिल किये गये. पीडीए ने अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी. कोर्ट ने कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है. याचिका की सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.

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