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हाईकोर्ट ने डिग्री कॉलेजों को सत्र 2022-23 की संबद्धता देने के दिए निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह सत्र 2022 - 23 की संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले महाविद्यालयों को दस दिन के भीतर संबद्धता प्रदान करें.

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हाईकोर्ट ने डिग्री कॉलेजों को सत्र 22-23 की संबद्धता देने के दिए निर्देश
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Published : Dec 23, 2022, 10:34 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह सत्र 2022 - 23 की संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले महाविद्यालयों को दस दिन के भीतर संबद्धता प्रदान करें. कोर्ट ने संबद्धता देने से इनकार करने के रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही इस संबंध में 22 नवंबर 2022 को जारी शासनादेश को भी रद्द कर दिया है.

कोर्ट ने कहा कि यह दोनों आदेश मनमाने और औचित्यहीन है. महाविद्यालयों की ओर से दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सलीम कुमार राय ने दिया है. याची कालेजों का कहना था कि उनको सत्र 2021-22 के लिए संबद्धता प्रदान की गई थी तथा इनमें से तमाम कॉलेजों को सत्र 23- 24 के लिए नियमित संबद्धता भी प्रदान कर दी गई है. मगर विश्वविद्यालयों ने सत्र 22 -23 के लिए संबद्धता देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस सत्र के लिए महाविद्यालयों का निरीक्षण या तो समय पर नहीं किया जा सका है या फिर निरीक्षण रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि के भीतर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं की जा सकी.

विश्वविद्यालयों के अधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने इस संबंध में 27 अक्टूबर 2021 को शासनादेश जारी किया था जिसे बाद में 29 नवंबर 2022 को संशोधित किया गया इसके अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर कॉलेज का निरीक्षण कर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जानी चाहिए. याची कॉलेजों ने समय रहते निरीक्षण के लिए विश्वविद्यालय को आवेदन दिया था मगर विश्वविद्यालयों द्वारा गठित निरीक्षण टीम द्वारा या तो समय से निरीक्षण नहीं किया जा सका या फिर समय से अपनी रिपोर्ट अपलोड नहीं की जा सके. ऐसे में कॉलेजों की ओर से कोई गलती नहीं की गई है. विश्वविद्यालय द्वारा की गई गलती की सजा कॉलेजों को नहीं दी जा सकती है. यह भी कहा गया कि इन्हीं कालेजों को सत्र 23- 24 के लिए संबद्धता प्रदान की गई है जिसका अर्थ यह है कि कॉलेज संबद्धता हेतु सभी योग्यता को पूरा करते हैं. कोर्ट ने 29 नवंबर 2022 के शासनादेश तथा 8 अगस्त 2022 के रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्टार द्वारा संबद्धता देने से इनकार करने के आदेश को मनमाना व औचित्यहीन करार देते हुए रद्द कर दिया है तथा विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह 10 दिन के भीतर आवेदन करने वाले इन महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान करें.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह सत्र 2022 - 23 की संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले महाविद्यालयों को दस दिन के भीतर संबद्धता प्रदान करें. कोर्ट ने संबद्धता देने से इनकार करने के रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही इस संबंध में 22 नवंबर 2022 को जारी शासनादेश को भी रद्द कर दिया है.

कोर्ट ने कहा कि यह दोनों आदेश मनमाने और औचित्यहीन है. महाविद्यालयों की ओर से दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सलीम कुमार राय ने दिया है. याची कालेजों का कहना था कि उनको सत्र 2021-22 के लिए संबद्धता प्रदान की गई थी तथा इनमें से तमाम कॉलेजों को सत्र 23- 24 के लिए नियमित संबद्धता भी प्रदान कर दी गई है. मगर विश्वविद्यालयों ने सत्र 22 -23 के लिए संबद्धता देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस सत्र के लिए महाविद्यालयों का निरीक्षण या तो समय पर नहीं किया जा सका है या फिर निरीक्षण रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि के भीतर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं की जा सकी.

विश्वविद्यालयों के अधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने इस संबंध में 27 अक्टूबर 2021 को शासनादेश जारी किया था जिसे बाद में 29 नवंबर 2022 को संशोधित किया गया इसके अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर कॉलेज का निरीक्षण कर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जानी चाहिए. याची कॉलेजों ने समय रहते निरीक्षण के लिए विश्वविद्यालय को आवेदन दिया था मगर विश्वविद्यालयों द्वारा गठित निरीक्षण टीम द्वारा या तो समय से निरीक्षण नहीं किया जा सका या फिर समय से अपनी रिपोर्ट अपलोड नहीं की जा सके. ऐसे में कॉलेजों की ओर से कोई गलती नहीं की गई है. विश्वविद्यालय द्वारा की गई गलती की सजा कॉलेजों को नहीं दी जा सकती है. यह भी कहा गया कि इन्हीं कालेजों को सत्र 23- 24 के लिए संबद्धता प्रदान की गई है जिसका अर्थ यह है कि कॉलेज संबद्धता हेतु सभी योग्यता को पूरा करते हैं. कोर्ट ने 29 नवंबर 2022 के शासनादेश तथा 8 अगस्त 2022 के रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्टार द्वारा संबद्धता देने से इनकार करने के आदेश को मनमाना व औचित्यहीन करार देते हुए रद्द कर दिया है तथा विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह 10 दिन के भीतर आवेदन करने वाले इन महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान करें.

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