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शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग में महिला कांस्टेबल को शामिल करने का निर्देश - प्रयागराज न्यूज

गोरखपुर में तैनात महिला कांस्टेबल सुनीता कोविड-19 ड्यूटी के चलते 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाईं थी. उन्होंने प्रत्यावेदन देकर काउंसलिंग कराने का अनुरोध किया, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने अनुमति नहीं, जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की. हाईकोर्ट ने उन्हें काउंसिलिंग में शामिल करने का निर्देश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 11, 2020, 8:34 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 ड्यूटी के कारण 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसलिंग में शामिल होने से वंचित रह गई महिला कांस्टेबल की काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की इस दलील को नहीं माना कि काउंसलिंग हेतु ऑनलाइन आवेदन के लिए याची को किसी भौतिक प्रयास की आवश्यकता नहीं थी.

अदालत ने मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस का हवाला देते हुए कहा कि याची समानता के आधार पर एक अवसर पाने की हकदार है. फैजाबाद की रहने वाली कांस्टेबल सुनीता की विशेष अपील पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया.

याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता बीडी निषाद का कहना था कि याची गोरखपुर में पुलिस कांस्टेबल है. याची का चयन सहायक अध्यापक भर्ती के लिए हुआ है. काउंसलिंग के समय लॉकडाउन होने के चलते उसकी कोविड-19 ड्यूटी लग गई, जिसकी वजह से वह काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकी. उसने बाद में प्रत्यावेदन देकर काउंसलिंग कराने का अनुरोध किया, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने अनुमति नहीं दी तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई.

याची का कहना था कि उसके मूल दस्तावेज उसके गृहनगर फैजाबाद, अयोध्या में रखे थे, जिनको जाकर लाना संभव नहीं था. काउंसलिंग अभी जारी है इसलिए याची को अवसर दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने याची को काउंसलिंग में शामिल करने और उसके आधार पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 ड्यूटी के कारण 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसलिंग में शामिल होने से वंचित रह गई महिला कांस्टेबल की काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की इस दलील को नहीं माना कि काउंसलिंग हेतु ऑनलाइन आवेदन के लिए याची को किसी भौतिक प्रयास की आवश्यकता नहीं थी.

अदालत ने मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस का हवाला देते हुए कहा कि याची समानता के आधार पर एक अवसर पाने की हकदार है. फैजाबाद की रहने वाली कांस्टेबल सुनीता की विशेष अपील पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया.

याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता बीडी निषाद का कहना था कि याची गोरखपुर में पुलिस कांस्टेबल है. याची का चयन सहायक अध्यापक भर्ती के लिए हुआ है. काउंसलिंग के समय लॉकडाउन होने के चलते उसकी कोविड-19 ड्यूटी लग गई, जिसकी वजह से वह काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकी. उसने बाद में प्रत्यावेदन देकर काउंसलिंग कराने का अनुरोध किया, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने अनुमति नहीं दी तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई.

याची का कहना था कि उसके मूल दस्तावेज उसके गृहनगर फैजाबाद, अयोध्या में रखे थे, जिनको जाकर लाना संभव नहीं था. काउंसलिंग अभी जारी है इसलिए याची को अवसर दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने याची को काउंसलिंग में शामिल करने और उसके आधार पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है.

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