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बलिया BSA को अध्यापकों के वेतन भुगतान का निर्देश - allahabad high court

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को अध्यापकों के वेतन भुगतान का निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है. बता दें कि तत्कालीन राज्य सरकार ने 9 दिसंबर 2014 के शासनादेश से बेसिक स्कूलों के शिक्षा सत्र में बदलाव किया, जिससे इन शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 4, 2020, 8:08 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को निर्देश दिया है कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को शिक्षा सत्र में बदलाव के कारण जुलाई 15 से 20 दिसंबर 2015 तक के बकाया वेतन का भुगतान करें.

कोर्ट ने अंगद यादव केस के फैसले का पालन करने एवं इसका लाभ याची को भी देने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायाधीश पंकज भाटिया ने प्राइमरी स्कूल मठिया करम्मर ब्लॉक बेरूआरबारी, बलिया के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नजरूद्दीन व पांच अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल ने बहस की.

मालूम हो कितत्कालीन राज्य सरकार ने 9 दिसंबर 2014 के शासनादेश से बेसिक स्कूलों के शिक्षा सत्र में बदलाव किया. जुलाई के बजाय सत्र अप्रैल से शुरू करने का निर्णय लिया गया. नियमानुसार शिक्षा सत्र के बीच सेवानिवृत्ति तिथि आने पर अध्यापक को सत्रांत तक कार्य करने की अनुमति है. ताकि बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध न हो.

याची को 30 जून तक सत्र लाभ मिला था. उसे मार्च में सेवानिवृत्त कर दिया गया. इसे लेकर पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि जून में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को सत्र लाभ मिलेगा. वे अगले सत्र में मार्च तक कार्यरत रहेंगे.

इस पर शिक्षकों को दोबारा 20 दिसंबर को ज्वाइन कराया गया, लेकिन जुलाई से दिसंबर तक कार्य न करने के कारण इस अवधि का वेतन नहीं दिया गया, जिसे अंगद यादव केस में सही नहीं माना गया है. इसी फैसले के आधार पर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को निर्देश दिया है कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को शिक्षा सत्र में बदलाव के कारण जुलाई 15 से 20 दिसंबर 2015 तक के बकाया वेतन का भुगतान करें.

कोर्ट ने अंगद यादव केस के फैसले का पालन करने एवं इसका लाभ याची को भी देने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायाधीश पंकज भाटिया ने प्राइमरी स्कूल मठिया करम्मर ब्लॉक बेरूआरबारी, बलिया के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नजरूद्दीन व पांच अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल ने बहस की.

मालूम हो कितत्कालीन राज्य सरकार ने 9 दिसंबर 2014 के शासनादेश से बेसिक स्कूलों के शिक्षा सत्र में बदलाव किया. जुलाई के बजाय सत्र अप्रैल से शुरू करने का निर्णय लिया गया. नियमानुसार शिक्षा सत्र के बीच सेवानिवृत्ति तिथि आने पर अध्यापक को सत्रांत तक कार्य करने की अनुमति है. ताकि बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध न हो.

याची को 30 जून तक सत्र लाभ मिला था. उसे मार्च में सेवानिवृत्त कर दिया गया. इसे लेकर पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि जून में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को सत्र लाभ मिलेगा. वे अगले सत्र में मार्च तक कार्यरत रहेंगे.

इस पर शिक्षकों को दोबारा 20 दिसंबर को ज्वाइन कराया गया, लेकिन जुलाई से दिसंबर तक कार्य न करने के कारण इस अवधि का वेतन नहीं दिया गया, जिसे अंगद यादव केस में सही नहीं माना गया है. इसी फैसले के आधार पर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है.

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