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हाईकोर्ट ने रेप और हत्या के दोषी की फांसी की सजा उम्रकैद में की तब्दील - high court hindi news

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के आरोपी को सत्र अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 12, 2022, 10:12 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या कर जमीन में दफनाने के आरोपी को सत्र अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पुख्ता परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुनाई जा सकती है लेकिन आरोपी युवा है. इससे पहले कोई अपराध नहीं किया है, उसमें सुधार की गुंजाइश है. रेयर आप रेयरेस्ट केस में ही फांसी दी जानी चाहिए. कोर्ट ने सत्र अदालत की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने अनूपशहर, बुलंदशहर के आरोपी हरेंद्र की जेल अपील पर दिया है.

इसे भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की मौत की सजा की रद्द, कहा ये...

उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर के अनूपशहर में 25 फरवरी 2021 को 15 और 12 साल की दो बेटियों के साथ उनकी मां खेत में खाद डालने गई थी. बेटी पानी लेने आरोपी के पिता के घर पर गईं थीं. वहां से वापस नहीं लौटी, तलाशने पर भी पता नहीं चला. बाद में आरोपी के घर में शौचालय के पास मिट्टी खोदी गई तो लाश बरामद हुई. दुष्कर्म व हत्या का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर सत्र अदालत बुलंदशहर ने 14/15 जुलाई 2021 को फांसी की सजा सुनाई और पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में रिफरेंस भेजा. जेल अधीक्षक के मार्फत आरोपी ने भी जेल अपील की.हाई कोर्ट ने मंगलवार को दोषी में सुधार की संभावनाओं और युवा के आपराधिक इतिहास न होने के आधार पर उदारता बरतते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या कर जमीन में दफनाने के आरोपी को सत्र अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पुख्ता परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुनाई जा सकती है लेकिन आरोपी युवा है. इससे पहले कोई अपराध नहीं किया है, उसमें सुधार की गुंजाइश है. रेयर आप रेयरेस्ट केस में ही फांसी दी जानी चाहिए. कोर्ट ने सत्र अदालत की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने अनूपशहर, बुलंदशहर के आरोपी हरेंद्र की जेल अपील पर दिया है.

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उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर के अनूपशहर में 25 फरवरी 2021 को 15 और 12 साल की दो बेटियों के साथ उनकी मां खेत में खाद डालने गई थी. बेटी पानी लेने आरोपी के पिता के घर पर गईं थीं. वहां से वापस नहीं लौटी, तलाशने पर भी पता नहीं चला. बाद में आरोपी के घर में शौचालय के पास मिट्टी खोदी गई तो लाश बरामद हुई. दुष्कर्म व हत्या का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर सत्र अदालत बुलंदशहर ने 14/15 जुलाई 2021 को फांसी की सजा सुनाई और पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में रिफरेंस भेजा. जेल अधीक्षक के मार्फत आरोपी ने भी जेल अपील की.हाई कोर्ट ने मंगलवार को दोषी में सुधार की संभावनाओं और युवा के आपराधिक इतिहास न होने के आधार पर उदारता बरतते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

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