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High Court News: अतीक के गुर्गे फरहान की जमानत निरस्त, उमेश पाल की अर्जी पर हुआ आदेश

बाहुबली माफिया अतीक अहमद गैंग के सदस्य फरहान की जमानत को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. कहा कि उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे 26 मुकदमो का रिकॉर्ड है.

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Published : Mar 4, 2023, 10:48 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक राजू पाल और दो सुरक्षा गार्डों की दिनदहाड़े हुई हत्या के आरोपी फरहान को 24 नवंबर 2005 में सत्र अदालत से मिली जमानत निरस्त कर दी है. कोर्ट ने कहा, आरोपी बाहुबली माफिया अतीक अहमद गैंग का सदस्य भी हैं. उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे 26 मुकदमो का रिकॉर्ड है. वह जमानत पर छूटते ही अपराध पर अपराध करता रहा. देखने से लगता है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं अतीक अहमद का इकबाल चलता है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति डी के सिंह ने कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल(अब मृत) की जमानत निरस्तीकरण अर्जी को स्वीकार करते हुए की.

कोर्ट ने कहा कि याची ने न केवल जमानत शर्तों का उल्लंघन किया, अपितु जमानत पर रिहा होने के बाद एक के बाद एक अपराध लगातार करता गया. इस पर 26 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिसमें से तीन हत्या, तीन अपहरण, दो जानलेवा हमला, नाबालिग से दुष्कर्म, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट व एससी-एसटी एक्ट के केस शामिल हैं. याची को स्वतंत्र छोड़ना गवाहों व आम नागरिकों के जीवन सुरक्षा को खतरे में डालना है. हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश रद्द करते हुए जमानत निरस्त कर दी है.

गौरतलब है की उमेश पाल ने अकबर की जमानत निरस्त करने की भी याचिका की थी. लेकिन अकबर की मृत्यु हो जाने के कारण औचित्यहीन होने पर कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. हालांकि इस दौरान उमेश पाल की भी हत्या हो गई है.

यह भी पढ़ें- Muzaffarnagar News: किशोरी के साथ तमंचे के बल पर बलात्कार करने के दोषी को उम्रकैद

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक राजू पाल और दो सुरक्षा गार्डों की दिनदहाड़े हुई हत्या के आरोपी फरहान को 24 नवंबर 2005 में सत्र अदालत से मिली जमानत निरस्त कर दी है. कोर्ट ने कहा, आरोपी बाहुबली माफिया अतीक अहमद गैंग का सदस्य भी हैं. उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे 26 मुकदमो का रिकॉर्ड है. वह जमानत पर छूटते ही अपराध पर अपराध करता रहा. देखने से लगता है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं अतीक अहमद का इकबाल चलता है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति डी के सिंह ने कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल(अब मृत) की जमानत निरस्तीकरण अर्जी को स्वीकार करते हुए की.

कोर्ट ने कहा कि याची ने न केवल जमानत शर्तों का उल्लंघन किया, अपितु जमानत पर रिहा होने के बाद एक के बाद एक अपराध लगातार करता गया. इस पर 26 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिसमें से तीन हत्या, तीन अपहरण, दो जानलेवा हमला, नाबालिग से दुष्कर्म, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट व एससी-एसटी एक्ट के केस शामिल हैं. याची को स्वतंत्र छोड़ना गवाहों व आम नागरिकों के जीवन सुरक्षा को खतरे में डालना है. हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश रद्द करते हुए जमानत निरस्त कर दी है.

गौरतलब है की उमेश पाल ने अकबर की जमानत निरस्त करने की भी याचिका की थी. लेकिन अकबर की मृत्यु हो जाने के कारण औचित्यहीन होने पर कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. हालांकि इस दौरान उमेश पाल की भी हत्या हो गई है.

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