प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजस्थान में धार्मिक आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंचाने भाषण देने के आरोप में परिवाद दर्ज करने की मांग में दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख लगाई है.
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने याची की ओर से अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए समय मांगे जाने पर दिया. बुधवार को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप बहस करने की अर्जी दाखिल करने वाले मऊ के नवल किशोर शर्मा ने बहस शुरू होते ही अधिवक्ता नियुक्त करने का समय मांगा था. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व एजीए प्रथम एके संड ने याचिका का विरोध किया.
याचिका में कहा गया है कि 28 नवंबर 2018 को राजस्थान में अलवर जिले के मालाखेड़ा में चुनावी सभा के दौरा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को लेकर जो भाषण दिया, उसे धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए मऊ जिले में परिवाद दाखिल किया गया, जिसे स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए ने 11 मार्च 2022 को क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज कर दिया. उस आदेश के विरुद्ध सेशन कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल हुआ. सेशन कोर्ट ने 26 अप्रैल 2022 को उस पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए खारिज कर दिया. इन दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए यह याचिका दाखिल की गई. याचिका में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए, 298 ,419, 420 व 501 के तहत परिवाद दर्ज किए जाने की मांग की गई है.
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