प्रयागराज: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस पर दाखिल जनहित याचिका पर 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा था, जिसकी आज सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मुहम्मद अमन खान की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है.
याचिका में विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस फोर्स तत्काल वापस लेने और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की प्रारंभिक जांच कराने की मांग की गई है. दरअसल, एएमयू के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को गालियां दी और बुरी तरह से उनकी पिटाई की.
प्रदर्शन के दौरान छात्र मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास गेट के अंदर मौजूद थे और पुलिस ने बाहर से बैरिकेटिंग कर रखी थी. इस दौरान पुलिस की पिटाई में 3 छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है. छात्रों को ट्रामा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
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याचिकाकर्ता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने विद्यालय बंद कर छात्रों को जबरन हॉस्टल से बाहर निकाला. इनमें से कई छात्र कश्मीर, लद्दाख और सुदूर पू्र्वी राज्यों से आए हैं, जिन्हें पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है. याचिका में पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की गई है, जिसकी आज सुनवाई होगी.