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प्रयागराज: AMU लाठीचार्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज - इलाहाबाद हाईकोर्ट

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज और हंगामे के मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट में केंद्र और यूपी सरकार अपना जवाब दाखिल करेंगी. पुलिस अफसर और वीसी भी अपना जवाब दाखिल करेंगे.

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AMU लाठीचार्ज पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई.
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Published : Jan 2, 2020, 10:11 AM IST

प्रयागराज: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस पर दाखिल जनहित याचिका पर 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा था, जिसकी आज सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मुहम्मद अमन खान की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है.

याचिका में विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस फोर्स तत्काल वापस लेने और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की प्रारंभिक जांच कराने की मांग की गई है. दरअसल, एएमयू के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को गालियां दी और बुरी तरह से उनकी पिटाई की.

प्रदर्शन के दौरान छात्र मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास गेट के अंदर मौजूद थे और पुलिस ने बाहर से बैरिकेटिंग कर रखी थी. इस दौरान पुलिस की पिटाई में 3 छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है. छात्रों को ट्रामा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

इसे भी पढ़ें- तीन जनवरी को संगमनगरी पहुंचेंगे सीएम योगी, माघ मेले की तैयारियों का करेंगे निरीक्षण

याचिकाकर्ता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने विद्यालय बंद कर छात्रों को जबरन हॉस्टल से बाहर निकाला. इनमें से कई छात्र कश्मीर, लद्दाख और सुदूर पू्र्वी राज्यों से आए हैं, जिन्हें पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है. याचिका में पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की गई है, जिसकी आज सुनवाई होगी.

प्रयागराज: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस पर दाखिल जनहित याचिका पर 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा था, जिसकी आज सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मुहम्मद अमन खान की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है.

याचिका में विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस फोर्स तत्काल वापस लेने और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की प्रारंभिक जांच कराने की मांग की गई है. दरअसल, एएमयू के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को गालियां दी और बुरी तरह से उनकी पिटाई की.

प्रदर्शन के दौरान छात्र मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास गेट के अंदर मौजूद थे और पुलिस ने बाहर से बैरिकेटिंग कर रखी थी. इस दौरान पुलिस की पिटाई में 3 छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है. छात्रों को ट्रामा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

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याचिकाकर्ता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने विद्यालय बंद कर छात्रों को जबरन हॉस्टल से बाहर निकाला. इनमें से कई छात्र कश्मीर, लद्दाख और सुदूर पू्र्वी राज्यों से आए हैं, जिन्हें पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है. याचिका में पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की गई है, जिसकी आज सुनवाई होगी.

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प्रयागराज: अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज व हंगामे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई. केंद्र और यूपी सरकार दाखिल करेगी अपना जवाब. पुलिस अफसर और वीसी भी अदालत में दाखिल करेंगे जवाब. हाईकोर्ट ने सभी से दो हफ्ते में मांगा था जवाब. 







प्रयागराज 19 दिसंबर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों पर बर्बर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा था ।याचिका की सुनवाई आज को होगी।



 यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने इलाहाबाद के मुहम्मद अमन खान की जनहित याचिका पर दिया है ।राज्य सरकार की तरफ से याचिका की ग्राह्यता पर सवाल उठाए गए।  कहा गया कि हास्टल खाली कराया गया है तो कोई पीड़ित छात्र कोर्ट क्यों नहीं आया। यह आरोप की कुछ छात्र लापता है ,ऐसे छात्रों के  परिवार के लोग कोर्ट में क्यों नहीं आ रहे। याचिका में मनगढंत निराधार  आरोप लगाये गये है। किंतु कोर्ट ने कहा कि  पुलिस लाठीचार्ज पर सरकार अपना पक्ष रखे।



याचिका में  विश्वविद्यालय परिसर  से पुलिस फोर्स तत्काल वापस लेने एवं हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की  प्रारंभिक जांच कराने तथा इसकी मानिटरिंग हाई कोर्ट द्वारा किए जाने की मांग की गई है।  याची का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र  नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। छात्र मौलाना अाजाद लाइब्रेरी के पास  गेट के अंदर मौजूद थे। और बाहर पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रखी थी।और पुलिस छात्रों को उकसा रही थी।  पुलिस पर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसने छात्रों को  भद्दी गालियां दी और छात्रों को बुरी तरह से पीटा ।जिसमें 100 छात्र घायल हुए हैं। 60 छात्रों को फर्स्ट एड  दिया गया है। 3 छात्रों की हालत बेहद खराब है। छात्रों  को ट्रामा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।  जहां उनका इलाज चल रहा है। विद्यालय बंद कर छात्रों से  जबरन हास्टल खाली करा लिया गया है। तमाम छात्र कश्मीर, लद्दाख, सुदूर पूर्वी   राज्यों से आए हुए हैं।  हॉस्टल खाली करने के लिए उनपर  दबाव डाला जा रहा है। कई छात्र लापता है, जिन्हें पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है ।याचिका में पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की गई है।  याचिका की सुनवाई दो जनवरी को होगी।






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