प्रयागराज: आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे पांव फैलाता जा रहा है. संगम नगरी प्रयागराज में कोरोना के केस मिलने की रफ्तार बढ़ने लगी है. पिछले दिनों तक जहां एक भी सक्रिय केस नहीं मिल रहे थे वहीं इस हफ्ते में एक्टिव केस मिलने शुरू हो गए हैं. बुधवार को प्रयागराज में जहां 105 दिन बाद 6 सक्रिय केस मिले. वहीं गुरुवार को संक्रमितों की संख्या 7 हो गयी है.
इस बीच बढ़ते मामलों को देखकर स्वास्थ विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. अभी तक प्रयागराज में ओमीक्रोन का एक भी केस सामने नहीं आया है. वहीं सिर्फ दिसम्बर महीने की 30 तारीख तक 30 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. जिनमें 13 केस बीते 48 घण्टे में सामने आए हैं.
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प्रयागराज में सितंबर महीने के बाद से कोरोना संक्रमितों के मिलने की संख्या में कमी आ चुकी थी. जिले में 14 सितंबर के बाद 29 दिसंबर को 6 सक्रिय केस मिले. इस दौरान संक्रमितों के मिलने की संख्या एक या दो तक ही सीमित रहती थी. दिसम्बर महीने के आखिरी दिनों में संक्रमितों के मिलने की संख्या में इजाफा होने लगा. साल के आखिरी दिन से दो दिन पहले बुधवार को जहां 6 केस मिले. वहीं अगले 24 घण्टे में 7 संक्रमितों के मिलने से अफसरों की चिंता बढ़ गयी है.
केस बढ़ने पर अलर्ट हुआ स्वास्थ विभाग
जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर स्वास्थ विभाग भी सतर्क हो गया है. सीएमओ डॉक्टर नानक सरन ने कहा कि जिले में अचानक से केस बढ़ने की वजह से एहतियात बरतने शुरू कर दिए गए हैं. दूसरी लहर में जो भी कमी रह गयी थी उसको भी सुधार लिया गया है. जिले में अभी 8 ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिला अस्पताल व एसआरएन हॉस्पिटल में बेड बढ़ाए जा चुके हैं. बच्चों के लिए अलग सरकारी अस्पताल में पीकू वार्ड भी तैयार हो गए हैं. सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसट्रेटर की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ ही इलाज के लिए दवाओं का पर्याप्त मात्रा में इंतजाम कर लिया गया है.
सीएमओ डॉक्टर नानक सरन ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए मरीजों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी है.जिसके लिए मेडिकल स्टॉफ को जरूरी ट्रेनिंग भी अलग-अलग चरणों में दी जा चुकी है. यही नहीं मेडिकल स्टॉफ को दी गयी ट्रेनिंग का पता लगाने के लिए रिहर्सल का भी आयोजन किया जाएगा. जिसके लिए जनवरी महीने के पहले हफ्ते में एक या दो दिन मेडिकल स्टॉफ से रिहर्सल करवाया जाएगा.
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