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पैमाइश कराकर याची को सौंपें जमीनः हाईकोर्ट - जमीन को बाद में रिलीज कर दिया

भूमि स्वामी की जब्त की गई जमीन रिलीज होने पर उसे दूसरी जमीन देने के विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी इलाहाबाद को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jan 23, 2021, 5:16 AM IST

प्रयागराजः भूमि स्वामी की जब्त की गई जमीन रिलीज होने पर उसे दूसरी जमीन देने के विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी इलाहाबाद को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है. कोर्ट ने एसडीएम मेजा और याची की मौजूदगी में जमीन की पैमाइश कराकर याची को जमीन सौंपने का निर्देश दिया है.

ये है मामला

मेजा की इंद्रकली की याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता डीके ओझा का कहना था कि उसकी जमीन सीआरपीसी की धारा 146 के तहत कुर्क कर अटैच कर ली गई थी. उस जमीन को बाद में रिलीज कर दिया गया था. अब सरकार उसे जो जमीन वापस कर रही है, वह उसकी कुर्क हुई जमीन नहीं है. उसके स्थान पर सरकार उसे दूसरी जमीन दे रही है. इसकी बाउंड्री अलग है. इस मामले में सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि याची को जमीन वापस की जा रही है, मगर वह लेने को तैयार नहीं है.

कोर्ट ने आदेश में ये कहा

दोनों पक्षों को सुनकर कोर्ट ने सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए उनको रविवार 24 जनवरी को मौके पर जाकर अमीन की मदद से याची की जमीन की पहचान कराने और उसे वापस करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमीन की नापजोख के दौरान याची और एसडीएम मेजा पूरे समय मौजूद रहें. इस दौरान वे कोर्ट कमिश्नर का सहयोग करें. कोर्ट ने एसएचओ मेजा को भी मौके पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. कोर्ट कमिश्नर को इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराजः भूमि स्वामी की जब्त की गई जमीन रिलीज होने पर उसे दूसरी जमीन देने के विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी इलाहाबाद को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है. कोर्ट ने एसडीएम मेजा और याची की मौजूदगी में जमीन की पैमाइश कराकर याची को जमीन सौंपने का निर्देश दिया है.

ये है मामला

मेजा की इंद्रकली की याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता डीके ओझा का कहना था कि उसकी जमीन सीआरपीसी की धारा 146 के तहत कुर्क कर अटैच कर ली गई थी. उस जमीन को बाद में रिलीज कर दिया गया था. अब सरकार उसे जो जमीन वापस कर रही है, वह उसकी कुर्क हुई जमीन नहीं है. उसके स्थान पर सरकार उसे दूसरी जमीन दे रही है. इसकी बाउंड्री अलग है. इस मामले में सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि याची को जमीन वापस की जा रही है, मगर वह लेने को तैयार नहीं है.

कोर्ट ने आदेश में ये कहा

दोनों पक्षों को सुनकर कोर्ट ने सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए उनको रविवार 24 जनवरी को मौके पर जाकर अमीन की मदद से याची की जमीन की पहचान कराने और उसे वापस करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमीन की नापजोख के दौरान याची और एसडीएम मेजा पूरे समय मौजूद रहें. इस दौरान वे कोर्ट कमिश्नर का सहयोग करें. कोर्ट ने एसएचओ मेजा को भी मौके पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. कोर्ट कमिश्नर को इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

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