प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए अधीनस्थ अदालतों व अधिकारियों की कार्यवाही की नई गाइडलाइंस जारी की है. वहीं, महानिबंधक आशीष गर्ग की ओर से सभी जिला जजों, पीठासीन अधिकारियों को जारी आदेश में एक समय में 50 फीसदी न्यायिक अधिकारियों से कार्य लेने का निर्देश दिया गया है. यह रोटेशन में जारी रहेगा. साथ ही गर्भवती न्यायिक अधिकारियों व स्टाफों को इससे छूट रहेगी. बहुत जरूरी होने पर उन्हें घर से काम करने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, यह भी कहा गया है कि वादकारियों या प्रतिनिधियों का न्यायालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अति आवश्यक मामलों में जिला जज की पूर्व अनुमति से उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है. यह गाइडलाइंस 17 जनवरी, यानी से प्रभावी हो गई है. इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने व अपने स्तर पर सभी न्यायिक अधिकारियों को इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है.
कोरोना संक्रमण का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है. इसे देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने सभी अनुभाग अधिकारियों/सुपरवाइजिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक दिन के अंतराल पर 50 फीसद स्टाफ से इस तरह काम लें कि किसी सीट का कार्य न रुकने पाए.निबंधक न्यायिक की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिस किसी अधिकारी को बुखार हो तुरंत कोविड जांच कराएं. हाईकोर्ट प्रयागराज व लखनऊ खंडपीठ परिसर में शराब पीकर, पान, गुटका व तंबाकू खाकर आने को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिकारियों को इसकी सूचना न्यायालय प्रशासन को देने को कहा गया है. जिससे ऐसे लोगों को ड्यूटी पर तैनाती से छूट दी जा सके. यह सूचना लखनऊ पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार व इलाहाबाद के रजिस्ट्रार न्यायिक को दी जाए.
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