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माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति 6 सप्ताह में पूरी करे सरकार : इलाहाबाद हाईकोर्ट - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया मांगी गई समयावधि में पूरी करने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती, अध्यक्ष ही बोर्ड का कार्य करते रहें

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 6, 2022, 10:32 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया मांगी गई समयावधि में पूरी करने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती, अध्यक्ष ही बोर्ड का कार्य करते रहें और चार सप्ताह में याची की प्रधानाचार्य पद से बर्खास्तगी के अनुमोदन प्रस्ताव पर नियमानुसार निर्णय लें. बोर्ड के सदस्यों का पद एक वर्ष से खाली है.

बोर्ड चेयरमैन सहित 10 सदस्यों से गठित होता है. लेकिन, अकेले चेयरमैन का ही कार्यकाल बचा है, जबकि अन्य सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इससे पब्लिक इंटर कॉलेज, मनौरी, कौशाम्बी के प्रिंसिपल के खिलाफ विभागीय जांच के बाद बर्खास्त करने के बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो पा रहा है. मामले में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड के 10 सदस्यों की नियुक्ति की कार्यवाही चल रही है. छह हफ्ते में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को छह हफ्ते में नियुक्ति पूरी करने का समय दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दीपक कुमार अग्रवाल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

याची की ओर से कहा गया कि बोर्ड के सदस्यों के पद खाली हैं. बोर्ड चेयरमैन सहित 10 सदस्यों से बनता है. अकेले चेयरमैन बोर्ड नहीं हो सकता. कोर्ट ने चेयरमैन को चार हफ्ते में सुनकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि बोर्ड गठित होना चाहिए, किन्तु बोर्ड सदस्यों का पद खाली रहने से बोर्ड निष्क्रिय नहीं हो सकता. जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक चेयरमैन बोर्ड का काम करेंगे.

यह भी पढ़ें: प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण मामला, अतीक के बेटे उमर का ट्रायल सत्र अदालत को भेजा गया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से याची के निलंबन को अनुमोदित करने की वैधता के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा है कि बोर्ड के निर्णय के बाद इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं रहेगी. कोर्ट ने याची को निलंबन काल के बकाया भत्ते सहित नियमित भत्ते का भुगतान जारी रखने का निर्देश भी दिया है. साथ ही कहा कि चेयरमैन के माध्यम से बोर्ड सुनवाई की तिथि तय कर चार सप्ताह में सकारण आदेश करे.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया मांगी गई समयावधि में पूरी करने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती, अध्यक्ष ही बोर्ड का कार्य करते रहें और चार सप्ताह में याची की प्रधानाचार्य पद से बर्खास्तगी के अनुमोदन प्रस्ताव पर नियमानुसार निर्णय लें. बोर्ड के सदस्यों का पद एक वर्ष से खाली है.

बोर्ड चेयरमैन सहित 10 सदस्यों से गठित होता है. लेकिन, अकेले चेयरमैन का ही कार्यकाल बचा है, जबकि अन्य सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इससे पब्लिक इंटर कॉलेज, मनौरी, कौशाम्बी के प्रिंसिपल के खिलाफ विभागीय जांच के बाद बर्खास्त करने के बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो पा रहा है. मामले में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड के 10 सदस्यों की नियुक्ति की कार्यवाही चल रही है. छह हफ्ते में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को छह हफ्ते में नियुक्ति पूरी करने का समय दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दीपक कुमार अग्रवाल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

याची की ओर से कहा गया कि बोर्ड के सदस्यों के पद खाली हैं. बोर्ड चेयरमैन सहित 10 सदस्यों से बनता है. अकेले चेयरमैन बोर्ड नहीं हो सकता. कोर्ट ने चेयरमैन को चार हफ्ते में सुनकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि बोर्ड गठित होना चाहिए, किन्तु बोर्ड सदस्यों का पद खाली रहने से बोर्ड निष्क्रिय नहीं हो सकता. जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक चेयरमैन बोर्ड का काम करेंगे.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से याची के निलंबन को अनुमोदित करने की वैधता के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा है कि बोर्ड के निर्णय के बाद इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं रहेगी. कोर्ट ने याची को निलंबन काल के बकाया भत्ते सहित नियमित भत्ते का भुगतान जारी रखने का निर्देश भी दिया है. साथ ही कहा कि चेयरमैन के माध्यम से बोर्ड सुनवाई की तिथि तय कर चार सप्ताह में सकारण आदेश करे.

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