प्रयागराज: देश में बाढ़ से लोग परेशान होते हैं. लेकिन प्रयागराज का एक ऐसा जिला है जहां लोग मां गंगा और यमुना के जलस्तर बढ़ने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. संगम के नजदीक विश्व प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर के जलमग्न होने का उनके भक्त इंतजार करते हैं. ऐसी मान्यता है कि, जिस साल लेटे हनुमान जी को मां गंगा स्नान कराती हैं उस साल प्रयागराज के साथ ही देश भर में सुख शांति रहती है. 6 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ती हुई मां गंगा और सात सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ती हुई मां यमुना ने गुरुवार की देर रात हनुमान जी का जलाभिषेक कर दिया.
प्रयागराज में तेजी से बढ़ रही मां गंगा और यमुना के जलस्तर ने गुरुवार की देर रात संगम किनारे लेटे हनुमान जी का जलाभिषेक किया. गंगा जल के 82 मीटर के करीब तक पहुंचने से पहले ही हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया. इस अद्भुत पल को देखने और उसका साक्षी बनने के लिए भक्तों की भीड़ आधी रात के समय मंदिर के बाहर जुटी रही. बजरंग बली के भक्त जय श्री राम और जय बजरंग बली के साथ ही जय मां गंगे, हर हर गंगे के जयकारे लगा रहे थे. पूजा आरती और जयकारों के बीच रात बारह बजे के करीब मां गंगा की गोद में पवनपुत्र हुनमान शयन कर चुके थे.
महंत बलवीर गिरी ने गंगा मैया का अभिषेक किया
जिस वक्त मां गंगा का जल स्तर मंदिर परिसर के अंदर प्रवेश करने वाला था. उसी वक्त मां गंगा का स्वागत करने के लिए मंदिर के पुजारी और भक्त मंत्रोच्चार के साथ ही पुष्प वर्षा कर रहे थे. देखते ही देखते गंगा का जल मंदिर की सीढ़ियों से होते हुए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने लगा. इस अद्भुत दृश्य का दर्शन करने के लिए जहां मंदिर के अंदर और बाहर भक्तों की भीड़ जमा थी. वहींं, मंदिर के महंत और पुजारियों ने मिलकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां गंगा का अभिषेक करना शुरू किया. दूध, दही, घी समेत पंचामृत से मंदिर में प्रवेश कर रही गंगा मैया का अभिषेक किया गया. साथ ही गंगा की भव्य आरती भी उतारी गई.
इस पल का साक्षी बनने को जुटी थी भक्तों की भीड़
भक्तों का कहना है कि, वह साल भर इस अद्भुत पल का इंतजार करते हैं. गुरुवार की शाम को उन्हें जैसे ही पता चला कि, गंगा मैया हनुमान जी का स्नान कराने के लिए मंदिर में पहुंचने वाली हैं तो वह परिवार समेत मंदिर पहुंच गए. काफी देर तक भगवान का भजन करने में बाद उन्हें इस पल को देखने का सौभाग्य मिला. बजरंग बली के इन भक्तों का भी यही कहना है कि, जिस साल हुनमान जी को मां गंगा स्नान कराती हैं, वह साल सुख शांति के साथ व्यतीत हो जाता है. यही वजह है कि, वह साल भर तक इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
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