प्रयागराज : उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी को स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए ने सजा सुना दी है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में 2013 में केस दर्ज करवाया गया था. उसी मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया और पूर्व मंत्री को तीन साल की सजा के साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
जमानत को मिली लेकिन नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज केस की जांच के दौरान राकेशधर त्रिपाठी की समस्त वैध स्रोतों से आय 49 लाख 49 हजार 928 रुपये पाई गई थी, जबकि जांच के दौरान संपत्ति अर्जन और भरण पोषण पर 2 करोड़ 67 लाख 80 हजार 605 रुपये खर्च किया जाना पाया गया. आय से अधिक संपत्ति के बारे में पूछताछ के दौरान पूर्व मंत्री कोई स्त्रोत और उसका लेखा-जोखा नहीं दिखा सके थे. हालांकि कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद उनकी तरफ से तत्काल जमानत अर्जी दाखिल की गई, जिसपर कोर्ट ने उनकी जमानत भी मंजूर कर ली. हालांकि इस सजा के एलान के बाद पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी अभी फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. क्योंकि दो साल से ज्यादा की सजा मिलने पर नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक का नियम है.
हंडिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राकेशधर
भाजपा और बसपा के शासनकाल में एक दशक पहले तक उच्च शिक्षा मंत्री का पदभार संभालने वाले हंडिया विधानसभा के विधायक रहे राकेशधर त्रिपाठी को शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई. स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए के जज दिनेशचंद्र शुक्ला ने सजा सुनाने के साथ उन्हें कस्टडी में लेकर जेल भेजने का भी निर्देश दिया. राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस भले ही जून 2013 में दर्ज किया गया था, लेकिन 2012 में अशोक कुमार शुक्ला ने इसकी शिकायत की थी.
सतर्कता अधिष्ठान की जांच के बाद दर्ज हुआ था केस
राकेशधर त्रिपाठी 2007 -11 तक बसपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. जबकि उससे पहले की भाजपा सरकार में वे उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके थे. 2012 में अशोक कुमार शुक्ला की शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान की तरफ से जांच करवाई गई. जांच के बाद सतर्कता अधिष्ठान के इंस्पेक्टर सुभग राम की तरफ से मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज करवाया गया था. जांच में यह भी पता चला था कि राकेशधर त्रिपाठी ने आय से ज्यादा न सिर्फ खर्च किया बल्कि प्रॉपर्टी भी अर्जित की है. स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में बचाव और अभियोजन पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 22 दिसम्बर की तारीख तय की थी.
सतर्कता अधिष्ठान ने वाराणसी की जिला कोर्ट में दाखिल की थी चार्जशीट
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उसकी जांच सतर्कता अधिष्ठान को सौंप दी गई थी. जिसके बाद जांच एजेंसी ने मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज करवाकर रिपोर्ट भेज दी थी. सतर्कता अधिष्ठान की ओर से वाराणसी की जिला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस केस को वहां से प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया था.
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