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पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, गैंगस्टर मामले में मिली जमानत

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Published : Aug 21, 2023, 7:19 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को गैंगस्टर मामले में जमानत मंजूर कर ली. इसके अलावा याकूब कुरैशी की अन्य मामलों में पहले ही जमानत हो चुकी है.

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी
पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर मामले में जमानत मंजूर कर ली है. याकूब की अन्य मामलों में पहले ही जमानत हो चुकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया.

हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ मेरठ के खरखौंदा थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले के तथ्यों के अनुसार, याची का 14 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. इसमें एक मामला हत्या के आरोप का भी है. इस मामले में हाजी याकूब के अलावा संजीदा बेगम, याकूब का पत्नी इमरान कुरैशी आदि भी आरोपी हैं. हाजी याकूब की जमानत के समर्थन में कहा गया कि गैंगचार्ट में याची के खिलाफ जो मुकदमे दिखाए गए हैं, उनमें से कई में समझौता हो गया है और कई में वह बरी भी हो गया है. बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने के मामले में याची को झूठा फंसाया गया है. याची मीट कंपनी का डायरेक्टर नहीं है, बल्कि जो व्यक्ति मीट कंपनी का डायरेक्टर है, उसकी जमानत मंजूर हो गई है.

सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि याची पर बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने का आरोप सही है. याची के प्रभावशाली व दबंग होने से भयवश कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं है. गैंगचार्ट में शामिल अन्य आपराधिक मामलों में भी याची ने दबाव बनाकर समझौता कराया है. दबाव में ही गवाहों ने निचली अदालत में उसके खिलाफ सही गवाही नहीं दी, जिससे याची विभिन्न मामलों में बरी कर दिया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत प्रार्थना अर्जी मंजूर कर ली. हाजी याकूब कुरैशी के वकील राम चरण सिंह ने बताया कि वह एक हफ्ते के अंदर जेल से बाहर आ सकते हैं.

बता दें कि उनकी पत्नी और दोनों बेटों को जून में ही जमानत मिल गई थी. याकूब की करीब 30 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति भी मेरठ पुलिस कुर्क कर चुकी है. गौरतलब है कि पूर्व मंत्री की मेरठ जिले के खरखोदा थाना क्षेत्र में बंद पड़ी मीट फैक्ट्री में अवैध रूप से बूचड़खाना संचालित होने की सूचना के बाद 31 मार्च 2022 को पूर्व मंत्री हाजी याकूब की फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इसमें बड़े पैमाने पर वहां से मांस पकड़ा गया था. इसके बाद ही पूर्व मंत्री और उनके परिवार के लोगों सहित 15 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था.

हाजी याकूब कुरैशी की सम्पत्तियों को खोजकर उन्हें सीज करने की कार्रवाई मेरठ में पुलिस और प्रशासन के द्वारा की गई. अवैध रूप से मीट फैक्ट्री चलाने के मामले में पूर्व मंत्री हाजी याकूब, उनके बेटे फिरोज और याकूब की पत्नी इमरान सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ खरखौदा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद याकूब कुरैशी फरार हो गए थे. बाद में इस साल की शुरुआत में 6 जनवरी 2023 को याकूब को उनके बेटे इमरान के साथ दिल्ली के चांदनी महल पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया था.

याकूब क़ुरैशी 2007 में मेरठ से विधायक चुने गए थे. इसके बाद बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मेरठ संसदीय सीट से बसपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन, चुनाव हार गए थे. किसी न किसी कारण से याकूब कुरैशी का विवादों से नाता रहा है.

कभी नींबू बेचा करते थे याकूब कुरैशी

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी सलाखों के पीछे हैं. 7 जनवरी को दिल्ली के चांदनी महल इलाके के हुई गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करते थे. इसके बाद गुड़ के धंधे में उतर गए थे. फिर प्रॉपर्टी डीलर का काम किया और बाद में मायावती सरकार में मंत्री भी बने.

यह भी पढ़ें: Former Minister Yakub Qureshi काे जमानत, कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने पर 51 कराेड़ देने का किया था ऐलान

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर मामले में जमानत मंजूर कर ली है. याकूब की अन्य मामलों में पहले ही जमानत हो चुकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया.

हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ मेरठ के खरखौंदा थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले के तथ्यों के अनुसार, याची का 14 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. इसमें एक मामला हत्या के आरोप का भी है. इस मामले में हाजी याकूब के अलावा संजीदा बेगम, याकूब का पत्नी इमरान कुरैशी आदि भी आरोपी हैं. हाजी याकूब की जमानत के समर्थन में कहा गया कि गैंगचार्ट में याची के खिलाफ जो मुकदमे दिखाए गए हैं, उनमें से कई में समझौता हो गया है और कई में वह बरी भी हो गया है. बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने के मामले में याची को झूठा फंसाया गया है. याची मीट कंपनी का डायरेक्टर नहीं है, बल्कि जो व्यक्ति मीट कंपनी का डायरेक्टर है, उसकी जमानत मंजूर हो गई है.

सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि याची पर बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने का आरोप सही है. याची के प्रभावशाली व दबंग होने से भयवश कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं है. गैंगचार्ट में शामिल अन्य आपराधिक मामलों में भी याची ने दबाव बनाकर समझौता कराया है. दबाव में ही गवाहों ने निचली अदालत में उसके खिलाफ सही गवाही नहीं दी, जिससे याची विभिन्न मामलों में बरी कर दिया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत प्रार्थना अर्जी मंजूर कर ली. हाजी याकूब कुरैशी के वकील राम चरण सिंह ने बताया कि वह एक हफ्ते के अंदर जेल से बाहर आ सकते हैं.

बता दें कि उनकी पत्नी और दोनों बेटों को जून में ही जमानत मिल गई थी. याकूब की करीब 30 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति भी मेरठ पुलिस कुर्क कर चुकी है. गौरतलब है कि पूर्व मंत्री की मेरठ जिले के खरखोदा थाना क्षेत्र में बंद पड़ी मीट फैक्ट्री में अवैध रूप से बूचड़खाना संचालित होने की सूचना के बाद 31 मार्च 2022 को पूर्व मंत्री हाजी याकूब की फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इसमें बड़े पैमाने पर वहां से मांस पकड़ा गया था. इसके बाद ही पूर्व मंत्री और उनके परिवार के लोगों सहित 15 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था.

हाजी याकूब कुरैशी की सम्पत्तियों को खोजकर उन्हें सीज करने की कार्रवाई मेरठ में पुलिस और प्रशासन के द्वारा की गई. अवैध रूप से मीट फैक्ट्री चलाने के मामले में पूर्व मंत्री हाजी याकूब, उनके बेटे फिरोज और याकूब की पत्नी इमरान सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ खरखौदा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद याकूब कुरैशी फरार हो गए थे. बाद में इस साल की शुरुआत में 6 जनवरी 2023 को याकूब को उनके बेटे इमरान के साथ दिल्ली के चांदनी महल पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया था.

याकूब क़ुरैशी 2007 में मेरठ से विधायक चुने गए थे. इसके बाद बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मेरठ संसदीय सीट से बसपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन, चुनाव हार गए थे. किसी न किसी कारण से याकूब कुरैशी का विवादों से नाता रहा है.

कभी नींबू बेचा करते थे याकूब कुरैशी

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी सलाखों के पीछे हैं. 7 जनवरी को दिल्ली के चांदनी महल इलाके के हुई गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करते थे. इसके बाद गुड़ के धंधे में उतर गए थे. फिर प्रॉपर्टी डीलर का काम किया और बाद में मायावती सरकार में मंत्री भी बने.

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