प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा को प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ 28 अक्टूबर 2012 को भदोही जिले में मुकदमा दर्ज किया गया था. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुए मामले के बाद रंगनाथ मिश्रा को न सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, बल्कि उन्हें ढाई साल के लिए जेल भी जाना पड़ा था. कोर्ट से बरी होने के बाद रंगनाथ मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहाकि उन्हें सपा सरकार में सत्ता के दबाव की वजह से ढाई साल तक जेल में रखा गया. इसके साथ ही उन्हें घर से दूर मेरठ जेल भेज दिया गया था.
पूर्व मंत्री ने बताया कि अक्टूबर 2012 में उन्हें फंसाने के लिए भदोही जिले के औराई थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद मामला प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चला गया. जहां पर उन्होंने केस से जुड़े 40 से अधिक गवाहों को कोर्ट में पेश करवाया. सभी की गवाही और साक्ष्यों को देखने के बाद कोर्ट ने पूर्व मंत्री को इस केस में दोषी न पाते हुए बरी करने का आदेश दे दिया.
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मंत्री रंगनाथ मिश्रा पर आरोप था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए 2007 से 2010 के दौरान कई करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की थी, लेकिन कोर्ट ने मामले में पूर्व मंत्री पर आरोप साबित न होने पर उन्हें इस केस से बरी कर दिया.