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हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी, मुकदमा रद्द कराने के लिए दाखिल की याचिका - इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी (former governor Aziz Qureshi) के खिलाफ योगी सरकार(Yogi govt) पर विवादित बयान देने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसको रद्द कराने के लिए अजीज कुरैशी (Aziz Qureshi) अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (highcourt) की शरण में पहुंच गए हैं. उन्होंने इस संबंध में सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी
पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी
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Published : Sep 21, 2021, 3:58 AM IST

प्रयागराज: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी (former governor Aziz Qureshi) ने अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनके विरुद्ध जिला रामपुर में सीएम योगी आदित्य नाथ और भाजपा सरकार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने को लेकर राजद्रोह के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है.

बता दें कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि योगी सरकार और आजम खान का प्रकरण जालिम और इंसाफ की लड़ाई है. इसके खिलाफ रामपुर की जनता को सड़कों पर आ जाना चाहिए. वह कुछ दिन पहले ही सांसद आजम खान की पत्नी विधायक डॉ तजीन फातिमा से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. वहीं उन्होंने मीडिया में योगी आदित्यनाथ को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि आजम खां के साथ जो जुल्म और ज्यादती इस सरकार ने की है उसके लिए मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है. कुरैशी ने कहा कि योगी सरकार को शर्म आनी चाहिए. अजीज कुरैशी ने कहा कि बेगरती हमारी कोम की है और रामपुर वालों की है. उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस गवर्नमेंट ने किया है. यह हमारे लोगों की कमी है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैं भी रामपुर से हूं, मेरी ननिहाल रामपुर की है, मेरी मां रामपुर की है. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, रास्तों को रोक देना चाहिए था, यूथ को आगे आना चाहिए था.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा था कि मुलायम सिंह ने जौहर यूनिवर्सिटी के लिए 50 प्रतिशत सीट मुसलमानों के लिए रिजर्व करने की बात कही थी, जो एक वर्ग को मंजूर नहीं थी, क्योंकि कुछ लोग इस कौम को जाहिल ही देखना चाहते हैं. कुरैशी ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को विधानसभा से पास करने के 10 साल बाद भी इस बिल को मंजूरी नहीं दी गई. उसको पेंडिंग रखने की सिर्फ एक वजह यह थी कि मुलायम सिंह ने बतौर चीफ मिनिस्टर बिल पास करने दिया था.

उनकी इस टिप्पणी के बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने अजीज कुरैशी के विरुद्ध रामपुर के थाना सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में संबंधित धाराएं 153-A,153-B, 124-A, 505(1)(b) में मुकदमा दर्ज किया गया था.

इसे भी पढ़ें-अजीज कुरैशी ने की योगी सरकार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी, जानिए क्या बोले

भाजपा नेता द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के अनुसार, अजीज कुरैशी द्वारा काफी लोगों की भीड़ के उपस्थिति में दिए गए उक्त बयान दो समुदायों एवं दो वर्गों की शत्रुता घृणा आदि की भावनाओं को बढ़ाने और भड़काने वाला है. साथ ही सरकार से जानबूझकर लांछन लगाने एवं समाज में अशांति पैदा करने की श्रेणी में आता है. उनका जानबूझकर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे रामपुर समेत यूपी का माहौल के खराब होने की भी संभावना है.

मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ के विरुद्ध की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज मुकदमे के खिलाफ अब पूर्व राज्यपाल ने मामला निरस्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई है.

इसे भी पढ़ें- पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी पर FIR, योगी सरकार पर दिया था ये विवादित बयान

प्रयागराज: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी (former governor Aziz Qureshi) ने अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनके विरुद्ध जिला रामपुर में सीएम योगी आदित्य नाथ और भाजपा सरकार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने को लेकर राजद्रोह के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है.

बता दें कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि योगी सरकार और आजम खान का प्रकरण जालिम और इंसाफ की लड़ाई है. इसके खिलाफ रामपुर की जनता को सड़कों पर आ जाना चाहिए. वह कुछ दिन पहले ही सांसद आजम खान की पत्नी विधायक डॉ तजीन फातिमा से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. वहीं उन्होंने मीडिया में योगी आदित्यनाथ को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि आजम खां के साथ जो जुल्म और ज्यादती इस सरकार ने की है उसके लिए मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है. कुरैशी ने कहा कि योगी सरकार को शर्म आनी चाहिए. अजीज कुरैशी ने कहा कि बेगरती हमारी कोम की है और रामपुर वालों की है. उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस गवर्नमेंट ने किया है. यह हमारे लोगों की कमी है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैं भी रामपुर से हूं, मेरी ननिहाल रामपुर की है, मेरी मां रामपुर की है. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, रास्तों को रोक देना चाहिए था, यूथ को आगे आना चाहिए था.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा था कि मुलायम सिंह ने जौहर यूनिवर्सिटी के लिए 50 प्रतिशत सीट मुसलमानों के लिए रिजर्व करने की बात कही थी, जो एक वर्ग को मंजूर नहीं थी, क्योंकि कुछ लोग इस कौम को जाहिल ही देखना चाहते हैं. कुरैशी ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को विधानसभा से पास करने के 10 साल बाद भी इस बिल को मंजूरी नहीं दी गई. उसको पेंडिंग रखने की सिर्फ एक वजह यह थी कि मुलायम सिंह ने बतौर चीफ मिनिस्टर बिल पास करने दिया था.

उनकी इस टिप्पणी के बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने अजीज कुरैशी के विरुद्ध रामपुर के थाना सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में संबंधित धाराएं 153-A,153-B, 124-A, 505(1)(b) में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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भाजपा नेता द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के अनुसार, अजीज कुरैशी द्वारा काफी लोगों की भीड़ के उपस्थिति में दिए गए उक्त बयान दो समुदायों एवं दो वर्गों की शत्रुता घृणा आदि की भावनाओं को बढ़ाने और भड़काने वाला है. साथ ही सरकार से जानबूझकर लांछन लगाने एवं समाज में अशांति पैदा करने की श्रेणी में आता है. उनका जानबूझकर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे रामपुर समेत यूपी का माहौल के खराब होने की भी संभावना है.

मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ के विरुद्ध की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज मुकदमे के खिलाफ अब पूर्व राज्यपाल ने मामला निरस्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई है.

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