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सिद्धार्थ नाथ सिंह का नीतीश पर तंज, पहले अपना घर संभालें फिर प्रयागराज से चुनाव लड़ने की सोचें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयागराज के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने के बयान पर पलटवार करते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वह पहले अपना प्रदेश संभाल लें. जब घर संभल जाए तो उत्तर प्रदेश की बात करें.

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सिद्धार्थ नाथ सिंह
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Published : Sep 18, 2022, 7:53 PM IST

प्रयागराज: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वह उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. इस पर पलटवार करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले अपना प्रदेश संभाल लें जब घर संभल जाए तो उत्तर प्रदेश की बात करें. गलती से भी फूलपुर आ गए तो यहां की जनता उनकी जमानत जब्त करा देगी.

इसी क्रम में फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल ने कहा कि यह लोकतंत्र है. कोई कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. यदि वह (नीतीश कुमार) भाग्य आजमाना चाहते हैं तो स्वागत है, लेकिन इस बात को ठीक से समझ लें कि क्षेत्र राजनीतिक चरागाह नहीं है. जनता उचित जवाब देगी. भले ही यह क्षेत्र कभी पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का था, लेकिन जो विकास पिछले आठ वर्षों में भाजपा के शासनकाल में हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ.

एक निशान, एक विधान का विरोध करने वाले निकाल रहे देश जोड़ो यात्रा
जिन्होंने अनुच्छेद 370 और 35ए की वकालत की, कश्मीर को अलग-थलग रखा, एक निशान एक विधान का हमेशा विरोध किया, आश्चर्य है कि वही आज देश जोड़ाे यात्रा निकाल रहे हैं. यह टिप्पणी सांसद जगदंबिका पाल की हैं. वह सांसद विनोद सोनकर के प्रयागराज के प्रीतमनगर स्थित निवास पर उनके पिता अमरनाथ सोनकर के निधन पर अपनी पत्नी स्नेहलता के साथ शोक संवेदना जताने पहुंचे थे.

पढ़ेंः केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार, बिना मोदी के चेहरे के एक भी सीट नहीं जीत सकते नीतीश कुमार, यूपी तो दूर की बात


सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस पार्टी और परिवार को बचाने में जुटी है. उनके अपने लोग दल को छोड़ रहे हैं, जब दल नहीं जोड़ पा रहे तो देश क्या जोड़ेंगे. यह यात्रा कांग्रेस अपने भ्रष्टाचार की ओर से ध्यान भटकाने के लिए निकाल रही है. चूंकि ईडी निरंतर छापेमारी कर पूछताछ के क्रम को आगे बढ़ा रही है, उससे बचने का यह एक मात्र हथकंडा है.

उन्होंने कहा कि यह वही दल है, जिसका कई माह से कोई मुखिया नहीं है. अब अध्यक्ष के चुनाव का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन अब तक इस चुनाव के मतदाताओं की सूची नहीं जारी हुई. इससे साफ है कि फिर इसी परिवार का या कोई रबर स्टैंप जैसा अध्यक्ष बनेगा. जगदंबिका पाल ने कहा कि दूसरी ओर भाजपा पूरी तरह से लोकतांत्रिक दल है. यहां सामान्य कार्यकर्ता भी अध्यक्ष बन सकता है.

पढ़ेंः फूलपुर से नीतीश कुमार लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, जातीय समीकरण में फिट तो हैं मगर वोट कैसे मिलेंगे ?

प्रयागराज: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वह उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. इस पर पलटवार करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले अपना प्रदेश संभाल लें जब घर संभल जाए तो उत्तर प्रदेश की बात करें. गलती से भी फूलपुर आ गए तो यहां की जनता उनकी जमानत जब्त करा देगी.

इसी क्रम में फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल ने कहा कि यह लोकतंत्र है. कोई कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. यदि वह (नीतीश कुमार) भाग्य आजमाना चाहते हैं तो स्वागत है, लेकिन इस बात को ठीक से समझ लें कि क्षेत्र राजनीतिक चरागाह नहीं है. जनता उचित जवाब देगी. भले ही यह क्षेत्र कभी पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का था, लेकिन जो विकास पिछले आठ वर्षों में भाजपा के शासनकाल में हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ.

एक निशान, एक विधान का विरोध करने वाले निकाल रहे देश जोड़ो यात्रा
जिन्होंने अनुच्छेद 370 और 35ए की वकालत की, कश्मीर को अलग-थलग रखा, एक निशान एक विधान का हमेशा विरोध किया, आश्चर्य है कि वही आज देश जोड़ाे यात्रा निकाल रहे हैं. यह टिप्पणी सांसद जगदंबिका पाल की हैं. वह सांसद विनोद सोनकर के प्रयागराज के प्रीतमनगर स्थित निवास पर उनके पिता अमरनाथ सोनकर के निधन पर अपनी पत्नी स्नेहलता के साथ शोक संवेदना जताने पहुंचे थे.

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सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस पार्टी और परिवार को बचाने में जुटी है. उनके अपने लोग दल को छोड़ रहे हैं, जब दल नहीं जोड़ पा रहे तो देश क्या जोड़ेंगे. यह यात्रा कांग्रेस अपने भ्रष्टाचार की ओर से ध्यान भटकाने के लिए निकाल रही है. चूंकि ईडी निरंतर छापेमारी कर पूछताछ के क्रम को आगे बढ़ा रही है, उससे बचने का यह एक मात्र हथकंडा है.

उन्होंने कहा कि यह वही दल है, जिसका कई माह से कोई मुखिया नहीं है. अब अध्यक्ष के चुनाव का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन अब तक इस चुनाव के मतदाताओं की सूची नहीं जारी हुई. इससे साफ है कि फिर इसी परिवार का या कोई रबर स्टैंप जैसा अध्यक्ष बनेगा. जगदंबिका पाल ने कहा कि दूसरी ओर भाजपा पूरी तरह से लोकतांत्रिक दल है. यहां सामान्य कार्यकर्ता भी अध्यक्ष बन सकता है.

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