प्रयागराज : यूपी में नदियों में आई बाढ़ के कारण तटवर्ती व निचले इलाकों में निवास कर रहे लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदियों के बढ़े जलस्तर का पानी अब पॉश इलाकों में भी अपना कहर बरपा रहा है. इसी क्रम में प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है. नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए शासन-प्रशासन राहत शिविर बनाए हैं. बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में मिलने वाली सुविधाएं अब हवाई साबित हो रहीं है. ईटीवी भारत ने सरकार द्वारा बनाए गए इन शिविरों के हालात जानने की कोशिश की. इसके लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले के ऐनी बेसेंट स्कूल बघाड़ा में बनाए गए राहत शिविर में रहने वाले लोगों से बातचीत की.
बातचीत के दौरान एक महिला संजू देवी ने बताया, कि शिविर में उन्हें भर पेट खाना नहीं मिलता है. दोपहर में खाने के चावल-सब्जी दिया जाता है, जिसकी मात्रा काफी कम होती है. शिविर में मिलने वाले चावल-सब्जी से बच्चों का भी पेट नहीं भरता है. संजू देवी का कहना है कि चावल-सब्जी के दोने से जब बच्चों का पेट नहीं भरता है तो वयस्कों का पेट कैसे भरेगा. उन्होंने बताया कि रात में खाने के लिए 5 पूड़ी और सब्जी दी जाती है. रात को मिलने वाली पूड़ी का आकार काफी छोटा होता है, जिससे पेट नहीं भरता है. ऐसे में अपना पेट भरने के लिए अलग से खाना बनाने का इंतजाम भी करना पड़ता है.
महिला संजू देवी का कहना है, कि शिविर में बच्चों के लिए बिस्किट का पैकेट और एक केला मिलता है. राहत शिविर में रह रहे एक अन्य व्यक्ति सुनील कुमार ने बताया कि सुबह नाश्ते के नाम पर थोड़ी सी लाई और गुड़ पकड़ा दिया जाता है. खाना बांटने वालों से अतरिक्त खाना मांगने पर वह मना कर देते हैं. सुनील कुमार का कहना है कि शिविर में खाना मिलता है, लेकिन भर पेट नहीं मिलता है. इसलिए वह इधर-उधर से खाने का इंतजाम करते हैं. सुनील कुमार ने बताया, कि दिन में खाने के लिए दाल-चावल, खिचड़ी मिलती है. जिससे पेट नहीं भरता है इसलिए वह अपना खाना शिविर में ही बनाते हैं.
अन्य लोगों ने बताया कि शिविर में बिजली की समस्या है, लगातार 2 दिन से शिविर में बिजली नहीं आ रही है. दिन भर में कुछ घंटे ही बिजली आती है. बिजली न आने के कारण दिन में भी कमरों में अंधेरा रहता है. शिविर में रह रहे लोगों का आरोप है कि शिविर में मिलने वाले पैकेट बच्चों और बड़ों के लिए एक समान होते हैं. बता दें, कि प्रयागराज में बाढ़ पीड़ितो के लिए अलग-अलग बाढ़ केंद्रों में करीब 900 परिवार शरण लिए हुए हैं. शासन-प्रशासन द्वारा संचालित किए जा रहे इन राहत शिविरों का जिम्मा जिला प्रशासन के ऊपर है.
इन राहत केंद्रों में शरण लेने वालों के लिए खाने-पीने का इंतजाम भी किया गया है, लेकिन बघाड़ा इलाके के एनी बेसेंट इंटर कॉलेज में बने बाढ़ राहत केंद्र में रहने वाले लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. इस केंन्द्र में रहने वाले लोगों का मांग है कि सरकार उनके लिए खाने की उचित व्यवस्था करे.
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