प्रयागराज: शहर के अभिषेक शुक्ला ने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर अनोखी पहल की है. महिलाओ में मासिक धर्म के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सैनिटरी पैड बैंक की शुरुआत की है. इस बैंक से महिलाओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सैनिटरी पैड दिया जाएगा है.
नव वर्ष की शुरुआत पर नई पहल
प्रयागराज में इस अनोखे बैंक की शुरुआत नव वर्ष पर हुई है. 'शुरुआत एक ज्योति शिक्षा संस्था' के संचालक अभिषेक शुक्ला बताते हैं कि मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सशक्त बनाया जा रहा है, लेकिन हमारे बीच में महिलाओं का एक वर्ग मूलभूत आवश्यकताओं तक से वंचित है.
उन्होंने बताया कि सामाजिक संकोच के चलते महिलाएं मासिक धर्म में होने वाली समस्याओं के बारे में खुलकर बात नहीं कर पातीं. इसी को ध्यान में रखते हुए यह विशेष बैंक शुरू किया गया है. प्रयागराज की मलिन बस्तियों में रहने वाली महिलाएं और आर्थिक तंगी के चलते मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित महिलाओं को चिह्नित कर उन्हें निःशुल्क सैनिटरी पैड मुहैया कराए जा रहे हैं.
हर दिन बढ़ रही लाभार्थी महिलाओं की संख्या
पासबुक में हर महीने की डिटेल होती है. यदि कोई महिला बैंक नहीं आ पा रही तो वह पासबुक के नंबर पर अधिकारी से संपर्क कर सकती है. पासबुक का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करना है. इससे बैंक से जुड़े लाभार्थियों का डेटाबेस भी तैयार किया जा सकेगा.
यह है शर्त
शिक्षा एक ज्योति संस्था ने नियम-कानून भी बनाए हैं. बैंक से जुड़ने वाली महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना होगा. संस्था के मुताबिक, बैंक से जुड़ने वाली प्रत्येक साक्षर महिला को कम से कम पांच जरूरतमंद महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में बताते हुए सैनिटरी पैड के बारे में जागरूक करना होगा. इसकी काउंसलिंग भी की जाती है, जिससे वह और अधिक जागरूक हो सकें.
खुश हैं इस बैंक से लाभ पाने वाली महिलाएं
बैंक के माध्यम से लाभ पा रहीं महिलाएं खुश हैं. उनका कहना है कि मासिक धर्म के बारे में खुल कर बात नहीं हो पाती है. दुकान पर जाकर पैड नहीं खरीदा जाता. उन्होंने बताया कि इस अनोखे बैंक से आसानी से सैनिटरी पैड उपलब्ध हो जाते हैं.
सबसे खास बात यह है कि सैनिटरी पैड को बाजार से लाने का कार्य पुरुष ही करते हैं, जबकि वर्ल्ड बैंक में लोडिंग का कार्य महिलाएं करती हैं. बैंक से पैड प्राप्त करने वाली महिलाओं को पासबुक और रजिस्टर पर साइन करना होता है. उसके बाद उन्हें उस कमरे में भेज दिया जाता है, जहां पैड रखा गया है. कमरे में वे अपनी आवश्यकता अनुसार पैड प्राप्त कर लेती हैं.
टीम वर्क से होता है काम
संस्था के सैनिटरी बैंक का कार्य पूरी टीम के साथ होता है. इस संस्था से जुड़े लोगों का अलग-अलग कार्य है. संस्था से जुड़े पुरुष वर्ग में आकाश, निर्देश, अमित, अभिषेक आदित्य डेटाबेस और प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैं. महिलाओं की टीम से जुड़ी अंजली, अंकिता, श्रद्धा, श्रेया, यामिनी और पूजा महिलाओं की काउंसलिंग कर पैड के बारे में जागरूक करती हैं. वर्तमान समय में संस्था में कुल 15 एक्टिव सदस्य हैं.
'शुरुआत एक ज्योति शिक्षा संस्था' 5 सालों से प्रयागराज में स्लम और गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा देने का कार्य भी कर रही है. साथ ही स्वच्छ भारत मिशन जैसे महत्वपूर्ण अभियानों से जुड़कर साफ सफाई में भी हिस्सा ले रही है.