प्रयागराज/ संभल : समूचे भारत में मंगलवार को विजयादशमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं प्रदेश के कोने-कोने में भी दशहरे की धूम देखी जा सकती है. नवरात्रि के नौ दिनों बाद 10वें दिन प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन और मेलों का आयोजन किया गया है.
दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक का पर्व है. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था, अर्थात बुराई रूपी रावण का भगवान ने अंत किया था. लिहाजा भगवान के विजय की खुशी में इस दिन रावण के पुतले के साथ कुंभकरण और मेघनाद के भी पुतले जलाए जाते हैं.
संगमनगरी में नौ सिर का रावण बना चर्चा का विषय
यूपी के संगमनगरी में भी विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. माना जाता है कि प्रयागराज रावण का ननिहाल है. यहां पर अनोखा नौ सिर वाला रावण बनाया गया, जो चर्चा का विषय बना रहा. लोगों की मानें तो इतनी पुरानी रामलीला ने इतनी बड़ी गलती कर दी है. इस 15 फीट के रावण को पिछले साल की अपेक्षा छोटा बनाया गया था. विवादों के घेरे में चल रही पजामा रामलीला कमेटी ने रावण रूप के सिर का भी ध्यान नहीं रखा.
भगवाधारी रावण पर राम भक्तों का विरोध
हर जगह की भांति संभल जिले में भी दशहरे के पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले के चंदौसी रामलीला मैदान में खड़ा भगवाधारी रावण जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई भगवाधारी रावण की फोटो और वीडियो पर रामलीला कमेटी को ट्रोल करना शुरू कर दिया.
भगवान राम के अनुयायियों और धर्म प्रेमी जनता ने जब भगवाधारी रावण पर आपत्ति जताते हुए रामलीला कमेटी के इस कृत्य पर आक्रोश जताया तो आनन-फानन में भगवाधारी रावण के वस्त्रों को बदल कर काले वस्त्र पहनाये गए. तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.