प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में मोहर्रम का चांद देखते ही इमामबाड़ा पर ताजिया रख दिए जाते हैं. यौमे आशूरा के दिन यानी मोहर्रम की 10वीं को कर्बला ले जाकर ताजिया दफन किए जाते हैं, लेकिग पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मोहर्रम कमेटियों ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कोई भी जुलूस न निकालने का निर्णय लिया है.
मोहर्रम कमेटियों के अनुसार, मोहर्रम के जुलूस में लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ हो जाती है. ऐसे में कोरोना संक्रमित होने का खतरा ज्यादा हो सकता है. इसलिए जुलूस न निकालना बेहतर है. बता दें कि प्रयागराज जिले में मोहर्रम पर कई ऐसे जुलूस निकलते हैं, जो कई सौ वर्ष पुराने और ऐतिहासिक हैं. इनमें बड़ा ताजिया, मासूम अली असगर का झूला और बुड्ढा ताजिया इत्यादि का जुलूस है.
वहीं मोहर्रम का चांद निकलने से पहले ही प्रयागराज जिले में बड़ा ताजिया कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर दिया है ताकि लोग किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति में न रहें. जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़ा ताजिया नहीं उठाने का फैसला किया गया है.
बता दें कि मंगलवार को बड़ा ताजिया मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष रेहान खान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें कहा गया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर की अशंका को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए इस बार मोहर्रम पर जुलूस नहीं निकाले जाएंगे.
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बड़ा ताजिया मोहर्रम कमेटी के सचिव इमरान खान ने बताया कि लाखों लोग ताजिया कंधे से लेकर निकलते हैं. इस तरह में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता. लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहेगा. सचिव इमरान खान ने लोगों से अपील की है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी इमामबाड़ा पर न कर अपने घरों में ही रहकर गमे हुसैन पर फातेहा, नियाज फातिया कराएं. इस वर्ष बड़ा ताजिया इमामबाड़े पर मेंहदी ताजिया नहीं रखा जाएगा. फातेहा के लिए इमामबाड़े पर भीड़ न लगाएं, अपने घरों पर ही गमे हुसैन मनाएं. उन्होंने कहा कि 'घर में रहें, सुरक्षित रहें'. साथ ही सरकार की गाइडलाइन का पालन करें.