ETV Bharat / state

माघ मेले में लगी रामायण की सजीव प्रदर्शनी, श्रद्धालुओं ने की तारीफ

प्रयागराज के माघ मेले में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने प्रदर्शनी का आयोजन किया है. इस प्रदर्शनी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामायण के कई अंशों को चित्र के माध्यम से दिखाया गया है. इसके साथ ही प्रयागराज के कई मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर की भी तस्वीर लगाई गई है.

माघ मेले में लगी रामायण की सजीव प्रदर्शनी.
माघ मेले में लगी रामायण की सजीव प्रदर्शनी.
author img

By

Published : Feb 10, 2021, 11:47 AM IST

Updated : Aug 12, 2022, 1:37 PM IST

प्रयागराज : आस्था की नगरी प्रयागराज में संगम की रेती पर चल रहे देश के सबसे बड़ा माघ मेला पूरी तरह सज चुका है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में त्रिवेणी की पवित्र धारा में डुबकी लगा रहे हैं. वहीं माघ मेल में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में रामायण में उल्लेख कई घटनाओं को चित्रों के माध्यम से सजाया गया है. इस प्रदर्शनी का मूल मकसद यह है कि लोग रामायण को और समझ सकें.

दरअसल संगम नगरी माघ मेला क्षेत्र में स्थापित इस प्रदर्शनी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामायण के कई अंश को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है. इसमें भगवान राम के वनवास का वर्णन हो या फिर हनुमान जी और लक्ष्मण जी के साथ उनका वार्तालाप. इसके साथ ही प्रयागराज के कई मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर की भी तस्वीर लगाई गई है.

इंसानियत और प्रेम से बड़ी कोई जाति नहीं
संगम स्नान करने आये सुलतानपुर के आदित्य ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि स्नान के बाद भगवान राम की प्रदर्शनी देखकर हम धन्य हो गए. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में लोग मोबाइल और कंप्यूटर से जुड़ गए हैं. ऐसे में इस प्रदर्शनी से धर्म और संस्कृति से जुड़ने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाकर इस समाज को एक प्रेरणा दी कि इंसानियत और प्रेम से बड़ी कोई जाति नहीं होती.

संस्कृति और धर्म की संपूर्ण जानकारी
माघ मेला क्षेत्र में पहली बार उतर प्रदेश सरकार द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में रामायण में उल्लेख कई घटनाओं को चित्रों के माध्यम से सजाया गया है. प्रदर्शनी का मूल मकसद ये है कि तीर्थयात्री स्नान करके जाएं तो भगवान राम के जीवन काल से लेकर प्रयागराज के धार्मिक स्थलों की संपूर्ण ज्ञान मिल सके. यही नहीं इस प्रदर्शनी के माध्यम से रामायण को और समझ सकें. प्रदर्शनी देखने आ रहे लोगों का कहना है कि इसके माध्यम से वो और जागरूक हो रहे हैं. साथ बच्चे भी तस्वीरों को देखकर रामायण को समझ रहे हैं.

युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने की अच्छी पहल
रामायण की प्रदर्शनी देखने आईं प्रिया पांडे ने कहा कि यहां रामायण के पात्रों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है. बच्चों को समझाने के लिए प्रदर्शनी में बहुत सारे रामायण के पात्रों को दर्शाया गया है. प्रिया पांडे ने कहा कि इस प्रदर्शनी में बच्चों को साथ लेकर आए हैं. बच्चों को सनातन धर्म सीखने और समझाने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. वहीं बिहार से आए तीर्थयात्री दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि माघ मेला में स्नान करने के बाद इस प्रदर्शनी ने आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी युवाओं को आध्यात्म से जोड़ने और सही रास्ता दिखाने का काम करेगी.

सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की प्रदर्शनी एक साथ
प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का एक स्थान पर संकलन होना प्रदर्शनी के महत्व को और अधिक बढ़ाता है. इस प्रदर्शनी में बडे़ हनुमान जी, अक्षयवट, संगम, उल्टा किला, खुशरोबाग, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर, नौलखा मंदिर, विश्वविद्यालय, तारामण्डल, भारद्वाज मुनि, ललिता देवी, नागवासुकी मंदिर शक्ति पीठ और सिद्धि पीठ मंदिर, जैसी कई तस्वीरें लगाई गई हैं. प्रदर्शनी को देखने के लिए भारी संख्या में लोग आ रहे हैं और जमकर प्रशंसा भी कर रहे हैं. तंबुओं की नगरी में लगी इस प्रदर्शनी का समापन महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ होगा.

प्रयागराज : आस्था की नगरी प्रयागराज में संगम की रेती पर चल रहे देश के सबसे बड़ा माघ मेला पूरी तरह सज चुका है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में त्रिवेणी की पवित्र धारा में डुबकी लगा रहे हैं. वहीं माघ मेल में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में रामायण में उल्लेख कई घटनाओं को चित्रों के माध्यम से सजाया गया है. इस प्रदर्शनी का मूल मकसद यह है कि लोग रामायण को और समझ सकें.

दरअसल संगम नगरी माघ मेला क्षेत्र में स्थापित इस प्रदर्शनी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामायण के कई अंश को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है. इसमें भगवान राम के वनवास का वर्णन हो या फिर हनुमान जी और लक्ष्मण जी के साथ उनका वार्तालाप. इसके साथ ही प्रयागराज के कई मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर की भी तस्वीर लगाई गई है.

इंसानियत और प्रेम से बड़ी कोई जाति नहीं
संगम स्नान करने आये सुलतानपुर के आदित्य ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि स्नान के बाद भगवान राम की प्रदर्शनी देखकर हम धन्य हो गए. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में लोग मोबाइल और कंप्यूटर से जुड़ गए हैं. ऐसे में इस प्रदर्शनी से धर्म और संस्कृति से जुड़ने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाकर इस समाज को एक प्रेरणा दी कि इंसानियत और प्रेम से बड़ी कोई जाति नहीं होती.

संस्कृति और धर्म की संपूर्ण जानकारी
माघ मेला क्षेत्र में पहली बार उतर प्रदेश सरकार द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में रामायण में उल्लेख कई घटनाओं को चित्रों के माध्यम से सजाया गया है. प्रदर्शनी का मूल मकसद ये है कि तीर्थयात्री स्नान करके जाएं तो भगवान राम के जीवन काल से लेकर प्रयागराज के धार्मिक स्थलों की संपूर्ण ज्ञान मिल सके. यही नहीं इस प्रदर्शनी के माध्यम से रामायण को और समझ सकें. प्रदर्शनी देखने आ रहे लोगों का कहना है कि इसके माध्यम से वो और जागरूक हो रहे हैं. साथ बच्चे भी तस्वीरों को देखकर रामायण को समझ रहे हैं.

युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने की अच्छी पहल
रामायण की प्रदर्शनी देखने आईं प्रिया पांडे ने कहा कि यहां रामायण के पात्रों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है. बच्चों को समझाने के लिए प्रदर्शनी में बहुत सारे रामायण के पात्रों को दर्शाया गया है. प्रिया पांडे ने कहा कि इस प्रदर्शनी में बच्चों को साथ लेकर आए हैं. बच्चों को सनातन धर्म सीखने और समझाने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. वहीं बिहार से आए तीर्थयात्री दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि माघ मेला में स्नान करने के बाद इस प्रदर्शनी ने आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी युवाओं को आध्यात्म से जोड़ने और सही रास्ता दिखाने का काम करेगी.

सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की प्रदर्शनी एक साथ
प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का एक स्थान पर संकलन होना प्रदर्शनी के महत्व को और अधिक बढ़ाता है. इस प्रदर्शनी में बडे़ हनुमान जी, अक्षयवट, संगम, उल्टा किला, खुशरोबाग, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर, नौलखा मंदिर, विश्वविद्यालय, तारामण्डल, भारद्वाज मुनि, ललिता देवी, नागवासुकी मंदिर शक्ति पीठ और सिद्धि पीठ मंदिर, जैसी कई तस्वीरें लगाई गई हैं. प्रदर्शनी को देखने के लिए भारी संख्या में लोग आ रहे हैं और जमकर प्रशंसा भी कर रहे हैं. तंबुओं की नगरी में लगी इस प्रदर्शनी का समापन महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ होगा.

Last Updated : Aug 12, 2022, 1:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.