प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) के आदेश पर आहूत बार एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा जैसे ही शुरू हुई, बिजली कट गई. सभा खत्म होते ही लगभग 20 मिनट बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई. एल्डर कमेटी ने इसे गंभीरता से लिया है और निवर्तमान पदाधिकारियों की शह पर बिजली कटौती करने वाले पीडब्ल्यूडी के बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता संतोष चंद्र के खिलाफ स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सोमवार को आयोजित आमसभा में मारपीट हंगामे से अफरातफरी फैल गई. एल्डर कमेटी की ओर से पारित प्रस्ताव में निवर्तमान कार्यकारिणी के अध्यक्ष व महासचिव 6 लोगों की सदस्यता समाप्त कर दी गई.
एल्डर कमेटी ने महानिबंधक को लिखे पत्र की प्रति मुख्य न्यायाधीश व वरिष्ठ न्यायमूर्ति को भेजी है. कमेटी ने महानिबंधक से कहा है कि यदि ऐसे ही बिजली काटी गई तो चुनाव कराना दुश्वार हो जाएगा. इसकी जानकारी कोर्ट को भी 15 नवंबर सुनवाई के दिन दी जाएगी. एल्डर कमेटी ने कहा कि कोर्ट ने वार्षिक आम सभा की तिथि तय की है, जिसमें पूर्व पदाधिकारियों ने व्यवधान उत्पन्न किया. चार पदाधिकारियों के खिलाफ आम सभा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्णय लिया है.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में मारपीट
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सोमवार को आयोजित आमसभा में मारपीट हंगामे से अफरातफरी फैल गई. बैठक शुरू होते ही बिजली कट गई और सभा स्थल पर पहले से जमे निवर्तमान पदाधिकारियों और एल्डर कमेटी के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हुई जो देखते-देखते मारपीट में तब्दील हो गई. इस दौरान लाइब्रेरी हाल की कटी बिजली हंगामा खत्म होने के बाद ही आई. शोरगुल और हंगामे के बीच एल्डर कमेटी ने कुछ प्रस्ताव पारित किया और निवर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने भी कुछ प्रस्ताव पारित किए.
दरअसल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चुनाव को लेकर सोमवार को आम सभा की बैठक बुलाई थी. बैठक दिन में 1:00 बजे जैसे ही शुरू हुई. दोनों पक्ष बैठक संचालित करने को लेकर आपस में भिड़ गए. देखते देखते उनके बीच मार पीट शुरू हो गई. इस बीच लाइब्रेरी हाल की बिजली भी काट दी गई. निवर्तमान कार्यकारणी का कहना है कि एल्डर कमेटी ने बिना अधिकार के उनके काम में हस्तक्षेप किया और उनको आम सभा आयोजित करने से रोका, जबकि एल्डर कमेटी का कहना है कि कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. कोर्ट के निर्देश पर उन्होंने बैठक बुलाई थी. एल्डर कमेटी के चेयरमैन शशि प्रकाश सिंह, एनसी राजवंशी, टीपी सिंह और अनिल तिवारी बैठक में पहुंचे तो निवर्तमान अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह महासचिव प्रभा शंकर मिश्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आजमी कोषाध्यक्ष दुर्गेश चंद्र तिवारी और अन्य लोग पहले से ही सभा स्थल पर कब्जा जमाए बैठे थे और कमेटी बैठक करने से रोका.
एल्डर कमेटी ने प्रस्ताव पारित किया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक दिसंबर को ही कराया जाएगा. साथ ही बैठक का विरोध करने और मारपीट करने के लिए निवर्तमान अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, महासचिव प्रभा शंकर मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आजमी, कोषाध्यक्ष दुर्गेश चंद्र तिवारी, कृष्ण पांडेय और राहुल की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई है. साथ ही इनका वकालत का पंजीकरण निलंबित करने के लिए बार काउंसिल को लिखा जाएगा और इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है. साथ ही कोर्ट के आदेश पर हो रही बैठक में अवरोध उत्पन्न करने के लिए इन सभी के विरुद्ध अदालत में अवमानना का केस लाया जाएगा. एल्डर कमेटी ने 4 अगस्त 2019 के बाद निवर्तमान कार्यकारिणी द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को रद कर दिया है और वकीलों के लंबित चिकित्सकीय व आर्थिक सहायता का मुद्दा आगामी निर्वाचित कार्यकारिणी पर छोड़ दिया गया है.
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निवर्तमान कार्यकारणी ने भी पारित किया प्रस्ताव
दूसरी ओर निवर्तमान कार्यकारिणी की ओर से महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने अपने कार्यकाल का वार्षिक आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया और प्रस्ताव पारित किया गया. एल्डर कमेटी के चेयरमैन शशि प्रकाश सिंह जो कि अवध बार एसोसिएशन के सदस्य हैं. इसलिए निवर्तमान कार्यकारिणी उनको एल्डर कमेटी का चेयरमैन नहीं मानेगी. प्रभा शंकर का आरोप है कि लखनऊ में शिक्षा अधिकरण की बेंच बनाने संबंधी विधिक सलाह शशि प्रकाश सिंह ने ही दी थी, जिसके विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील लंबे समय तक हड़ताल पर रहे थे. निवर्तमान कार्यकारिणी ने यह प्रस्ताव 500 अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर युक्त पत्र मिलने के आधार पर पारित करने का दावा किया है. इसके साथ ही निवर्तमान कार्यकारिणी ने एल्डर कमेटी के सभी सदस्यों की प्राथमिक सदस्यता निलंबित करने का प्रस्ताव भी पारित किया है. तय किया गया है कि यह प्रस्ताव 15 नवंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा. आम सभा की बैठक के दौरान हंगामा होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. एल्डर कमेटी ने निर्वाचित कार्यकारिणी को बजट प्रस्तुत करने से रोका जो कि उसका अधिकार है.